गोंडा में 509 प्राचीन चांदी के सिक्कों की लूट के मामले में फरार चल रहे पीआरडी जवान प्रदीप तिवारी और जेसीबी चालक गोलू की तलाश तेज कर दी गई है। घटना को 80 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन पुलिस अब तक दोनों आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए गोंडा पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने पांच विशेष पुलिस टीमों का गठन किया है, जो लगातार अलग-अलग इलाकों में दबिश दे रही हैं। पुलिस ने फरार आरोपियों के घरों पर कई बार छापेमारी की है और परिजनों से गहन पूछताछ भी की गई, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग हाथ नहीं लग सका है। पुलिस द्वारा कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) खंगाले गए, बावजूद इसके आरोपियों की लोकेशन का पता नहीं चल पाया है। इस हाई-प्रोफाइल लूटकांड में पुलिस अब तक 431 चांदी के सिक्के बरामद कर चुकी है। बरामदगी के बाद पीएसी जवान समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। हालांकि, अभी भी 78 बेशकीमती चांदी के सिक्के लापता हैं, जिनकी तलाश देहात कोतवाली पुलिस और अन्य टीमें कर रही हैं। 20 लाख की कीमत, 1901 से पहले के दुर्लभ सिक्के पुलिस के अनुसार, बरामद किए गए 431 चांदी के सिक्कों की अनुमानित कीमत करीब 20 लाख रुपये है। ये सभी सिक्के 1901 से पहले के बताए जा रहे हैं और प्रत्येक सिक्के की कीमत तीन से चार हजार रुपये के बीच आंकी गई है। आरोपियों का इरादा इन दुर्लभ सिक्कों को ऊंचे दामों पर बेचकर आपस में रकम का बंटवारा करने का था। शौक पूरे करने से पहले पहुंचे जेल पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी लूट की रकम से अपने-अपने शौक पूरे करने की तैयारी में थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अधिकांश आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। अब पुलिस की नजरें फरार चल रहे दो मुख्य आरोपियों पर टिकी हैं। 78 लापता सिक्कों के साथ फरार होने की आशंका पुलिस को आशंका है कि लापता 78 चांदी के सिक्के फरार पीआरडी जवान प्रदीप तिवारी और जेसीबी चालक गोलू के पास ही हो सकते हैं। देहात कोतवाल शमशेर बहादुर सिंह ने बताया कि फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं और जल्द ही दोनों को पकड़कर शेष सिक्कों की बरामदगी कर ली जाएगी।
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