संभल में एक सप्ताह बाद घने कोहरे से आम जनमानस को राहत मिली है, लेकिन सर्द हवाओं के कारण गलन बढ़ गई है। यहां न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 186 दर्ज किया गया। मौसम साफ होने के बावजूद, पड़ोसी जिलों में कोहरे के चलते ट्रेनें 3-4 घंटे देरी से चल रही हैं। रविवार को संभल के शहरी क्षेत्रों जैसे संभल, चंदौसी, बहजोई, बबराला और गंवा में मौसम पूरी तरह साफ रहा, जहां विजिबिलिटी 300 मीटर दर्ज की गई। वहीं, गंगा किनारे के ग्रामीण इलाकों सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में हल्के कोहरे के कारण विजिबिलिटी 150 से 200 मीटर तक रही। कोहरा न होने से वाहन चालकों को राहत मिली, जिनकी रफ्तार कई दिनों से धीमी थी। सर्द हवाओं के कारण गलन में अत्यधिक वृद्धि हुई है, जिससे लोग निजी अलाव जलाकर शीतलहर से बचाव का प्रयास कर रहे हैं। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के चलते खांसी-जुकाम के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। सुबह 8 बजे संभल का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अतिरिक्त, चंदौसी, बबराला, बहजोई, असमोली, गुन्नौर, सिरसी, नरौली, गंवा, पंवासा और जुनावई में तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रहा। जिला संयुक्त चिकित्सालय संभल में प्रतिदिन 700 से 800 मरीज खांसी-जुकाम की दवा लेने आ रहे हैं। डॉ. रामलाल यादव ने बताया कि ओपीडी में आने वाले 100 बच्चों में से 40 निमोनिया और पांच डायरिया के मरीज हैं। उन्होंने सलाह दी कि ठंड के मौसम में छोटे बच्चों को कम से कम नहलाएं और गर्म पानी का ही उपयोग करें। अपर जिलाधिकारी (ADM) प्रदीप वर्मा ने बताया कि ठंड को देखते हुए सभी नगर निकायों को अलाव की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। रोडवेज के निकट रैन बसेरे बनाए गए हैं, और संभल शहर में 51 बेड का शेल्टर होम उपलब्ध है, जिसमें सभी आवश्यक व्यवस्थाएं मौजूद हैं।
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