जौनपुर में शीतलहर का प्रकोप चौथे दिन भी जारी है। लगातार गिरते पारे और सर्द हवाओं के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। रविवार को भी सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए, जिससे लोग घरों में रहने को मजबूर हुए। ठंड से बचाव के लिए लोगों को अलाव का सहारा लेना पड़ा। बढ़ती ठंड के कारण बाजारों में कारोबार मंदा रहा और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। लोग दुकानों के आगे अलाव जलाकर हाथ सेंकते दिखे। शनिवार को अधिकतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा 3 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही थी, जबकि आर्द्रता 86 प्रतिशत रही। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 169 अंक पर पहुंच गया था। वहीं, रविवार को अधिकतम तापमान 19 डिग्री और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आर्द्रता 81 प्रतिशत रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 129 अंक पर पहुंच गया। हवा 2 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी। न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट और घने कोहरे के प्रकोप से फसलों में पाला लगने की आशंका बढ़ गई है। पाले का असर राई, सरसों, अरहर, आलू, मिर्च, टमाटर और मटर जैसी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। विशेष रूप से, आलू की फसल को 40 से 80 प्रतिशत तक क्षति हो सकती है। घना कोहरा बने रहने से अरहर की फसल को पर्याप्त धूप नहीं मिल पाती, जिससे उसके फूल झड़ जाते हैं। पाले के कारण फूल और पत्तियां झुलसकर सिकुड़ने लगती हैं, कलियां झड़ने लगती हैं और फलियों तथा फलों में बीज के दाने सिकुड़ जाते हैं या बनते ही नहीं हैं, जिससे अंततः फलियां और फल झड़ जाते हैं। कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को बचाव के उपाय सुझाए हैं। आलू की फसल में मैकोजेब और कारबेंडाजिम का दो ग्राम प्रति लीटर की दर से छिड़काव करने की सलाह दी गई है। इसके अतिरिक्त, घुलनशील सल्फर की एक किलोग्राम मात्रा को 500 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने को कहा गया है। राज्य मौसम केंद्र के प्रभारी अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मौसम की अनुकूल परिस्थितियों के कारण कोहरे के घनत्व और क्षेत्रफल में लगातार वृद्धि हुई है।
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