संतकबीरनगर के समय माता मंदिर में उमड़ेगी आस्था की भीड़:नवरात्रि पर सजे मंदिर, बाजारों में पूजा सामग्रियों की खरीदारी के लिए उमड़ी भीड़
संतकबीरनगर में सोमवार से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ को लेकर जिलेभर के मंदिरों और बाजारों में विशेष तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। शहर के प्रमुख मंदिरों को रंग-बिरंगी लड़ियों और झालरों से सजाया गया है। बाजारों में भी नवरात्र की रौनक साफ दिखाई दे रही है। दुकानों पर माता की चुनरी, नारियल, कलावा, धूप-अगरबत्ती, जोत-बत्ती और व्रत सामग्री की पूरी व्यवस्था की गई है। भक्त उत्साह के साथ पूजन सामग्री खरीदते नजर आ रहे हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से होगी। समय माता मंदिर के पुजारी चंदन शुक्ला ने बताया कि इस बार चतुर्थी तिथि दो दिन पड़ने से नवरात्र 9 नहीं बल्कि पूरे 11 दिन का होगा।ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार इस बार माता गज (हाथी) पर सवार होकर आ रही हैं और डोली पर सवार होकर विदा होंगी। समय माता मंदिर में उमड़ेगी श्रद्धा जिले के खलीलाबाद स्थित समय माता मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। मान्यता है कि यहाँ मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। भक्त राजू भाटिया ने बताया कि “समय माता महारानी की शक्ति अपरंपार है, यहां कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटता।”नवरात्रि के पहले दिन भोर 4 बजे से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने लगती है। मंदिर की प्राचीनता और मान्यता मान्यता है कि देवी की प्रतिमा सिद्धार्थनगर के बढ़नी क्षेत्र से दूध की धार के साथ लाई जा रही थी। जहां धार समाप्त हो गई, वहीं इसे स्थापित कर दिया गया। दूसरी मान्यता के अनुसार लगभग 600 साल पहले खलीलुर्रहमान ने खलीलाबाद बसाते समय अपने किले के पास यह प्रतिमा स्थापित कराई थी। धार्मिक और सामाजिक महत्व इस मंदिर को सद्भाव का प्रतीक भी माना जाता है। साल भर यहां पूजा-पाठ, कथा, मुंडन और विवाह जैसे मांगलिक कार्य होते हैं। सुबह-शाम की आरती अत्यंत दर्शनीय होती है। समय माता की मूर्ति पहले मिट्टी की थी, 1932 में जमुना पंडित की मदद से मथुरा से पत्थर की मूर्ति लाई गई। बाद में श्रीराम नारायण जैन ने बरामदा बनवाकर इसे व्यवस्थित कराया। वर्तमान में मंदिर में स्थापित मूर्ति 151 किलोग्राम चांदी से निर्मित है।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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