इटावा में घने कोहरे और कड़ाके की सर्दी ने रेल यातायात को बुरी तरह प्रभावित हुआ। शनिवार को कोहरे के कारण ट्रेनों की गति बेहद धीमी हो गई, जिससे शताब्दी और वंदे भारत जैसी तेज रफ्तार ट्रेनें भी अपने निर्धारित समय से काफी देरी से पहुंचीं। कई ट्रेनों को रद्द करना पड़ा, जबकि कई ट्रेनें घंटों लेट रहीं। अधिकांश ट्रेनें समय पर नहीं पहुंच सकीं और कई गाड़ियां सुबह जंक्शन पर आईं। ठंडी हवाओं और कोहरे के बीच यात्रियों को प्लेटफार्म पर लंबा इंतजार करना पड़ा। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे ठिठुरते नजर आए। ट्रेनें लेट होने से यात्रियों की आगे की यात्रा भी प्रभावित हुई।
तीन तस्वीरों में देखिए कोहरा… शनिवार को गाड़ी संख्या 12033 और 12034 शताब्दी एक्सप्रेस तथा गाड़ी संख्या 12179 और 12180 इंटरसिटी एक्सप्रेस को कैंसिल कर दिया गया। इसके अलावा 35 से ज्यादा ट्रेनें एक घंटे से लेकर दस घंटे तक की देरी से इटावा जंक्शन पहुंचीं, जिससे स्टेशन पर भीड़ और अव्यवस्था की स्थिति बनी रही। पूर्वा एक्सप्रेस करीब छह घंटे से ज्यादा देरी से पहुंची, कैफियत एक्सप्रेस साढ़े छह घंटे लेट रही, जबकि डाउन की कैफियत एक्सप्रेस दस घंटे की भारी देरी से जंक्शन पर आई। वंदे भारत एक्सप्रेस भी एक घंटे से अधिक लेट रही। ऊंचाहार एक्सप्रेस, अमृत भारत एक्सप्रेस, फरक्का एक्सप्रेस, संगम एक्सप्रेस, वैशाली एक्सप्रेस, नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस और आम्रपाली एक्सप्रेस समेत कई प्रमुख ट्रेनें घंटों की देरी से पहुंचीं। लगातार हो रही देरी और ट्रेनें रद्द होने से यात्रियों में नाराजगी देखी गई। यात्रियों का कहना है कि कोहरे के मौसम में पहले से सूचना और बेहतर इंतजाम किए जाने चाहिए, ताकि सर्दी में प्लेटफार्म पर लंबा इंतजार न करना पड़े। रेलवे प्रशासन ने कोहरे को देरी का मुख्य कारण बताया है।
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