पीएमसीएच की व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। शिशु वार्ड में भर्ती के इंतजार में एक महिला को गंभीर रूप से बीमार अपने बच्चे के साथ करीब आठ घंटे तक कड़ाके की ठंड में खुले शेड के नीचे बैठना पड़ा। आरोप है कि इलाज न मिलने से टूट चुकी मां ने जब फेसबुक लाइव के जरिए अस्पताल की बदहाली दिखाई तो सुरक्षाकर्मियों और महिला पुलिस द्वारा धक्कामुक्की की गई। उसे कहा गया कि यहां के इलाज से संतुष्ट नहीं हैं तो दूसरी जगह चले जाइए। मुजफ्फरपुर जिले के मुसहरी थाना क्षेत्र के बुधनगर गांव की रहने वाली मीनू कुमारी ने वीडियो में कहा कि उनका बेटा प्रिंस टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित है। चार वर्षों से पीएमसीएच में उसका इलाज चल रहा है। 16 दिसंबर की शाम करीब 7 बजे वह बेटे को लेकर पीएमसीएच पहुंची। बच्चे को 103 डिग्री बुखार, उल्टी और गंभीर हालत के बावजूद तत्काल इलाज शुरू नहीं हुआ। टाटा वार्ड के बाहर चारों ओर से खुले शेड में उन्हें बैठाया गया। न कंबल मिला, न कोई वैकल्पिक व्यवस्था। बार-बार डॉक्टरों और स्टाफ से गुहार लगाने के बावजूद इलाज शुरू नहीं हुआ। अंततः रात करीब तीन बजे किसी तरह बेड उपलब्ध कराया गया। दूसरे और तीसरे दिन भी बेहतर इलाज न मिलने से परेशान मीनू ने फेसबुक लाइव शुरू किया। वीडियो में वह बीमार बच्चे को गोद में लिए रोती-बिलखती दिखी। मीनू का आरोप है कि लाइव शुरू करते ही सुरक्षाकर्मी पहुंचे और हाथापाई की। बाद में महिला पुलिसकर्मी द्वारा भी धक्कामुक्की करने का आरोप लगाया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। अस्पताल प्रशासन ने आरोप को गलत बताया उधर, पीएमसीएच के शिशु रोग विभाग के हेड डॉ. भूपेंद्र नारायण ने बताया कि बच्चे को टाइप-1 डायबिटीज की बीमारी थी। उसके इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती गई है। यहां इतने सारे मरीज आते हैं और सभी का बेहतर इलाज होता है, लेकिन शिकायत सिर्फ इसी महिला को है। उस महिला द्वारा अनावश्यक हंगामा खड़ा किया गया। अस्पताल में भीड़ अधिक रहती है और सभी मरीजों का ख्याल रखना होता है। उन्होंने कहा कि महिला स्वयं बच्चे का नाम यहां से कटवाकर चली गई।
https://ift.tt/NxbhK5l
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply