मथुरा का K D मेडिकल कॉलेज विवादों में आ गया है। इसकी बजह है यहां के डॉक्टर और प्रबंधन पर एक डेढ़ साल के बच्चे की किडनी गायब करने का आरोप लगा है। राजस्थान के डीग जिला के रहने वाले बच्चे के पिता ने पुलिस से शिकायत की लेकिन पुलिस ने उसकी नहीं सुनी। जिसके बाद बच्चे के पिता ने कोर्ट की शरण ली और मुकदद्मा दर्ज कराने का आदेश कराया। कोर्ट के आदेश पर थाना छाता में 7 डॉक्टर के अलावा मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर और 6 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदद्मा दर्ज कर लिया है। यह था मामला राजस्थान के डीग जिला की पहाड़ी तहसील के कैथवाड़ा गाँव के रहने वाले भीम सिंह के डेढ़ वर्ष के बेटे मयंक के पेट में दर्द हुआ। जिसके बाद भीम सिंह ने बेटे को मथुरा के कृष्णा नगर में डॉक्टर पी के गुप्ता को दिखाया। डॉक्टर पी के गुप्ता की सलाह पर भीम सिंह ने मयंक का सी टी स्कैन कराया। जिसमें पेट में गाँठ जैसी चीज पता चली। इसके बाद डॉक्टर पी के गुप्ता ने मयंक को के डी मेडिकल कॉलेज या दिल्ली,आगरा के किसी हॉस्पिटल में दिखाने के लिए कहा। डेढ़ वर्ष पहले हुआ ऑपरेशन डॉक्टर पी के गुप्ता की सलाह के बाद भीम सिंह बेटे को के डी मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां डॉक्टर श्याम बिहारी शर्मा को दिखाया। डॉक्टर श्याम बिहारी शर्मा ने मयंक को देखा जिसके बाद कुछ जांच कराई। जांच के बाद डॉक्टर श्याम बिहारी शर्मा ने मयंक का ऑपरेशन करने के लिए कहा। डॉक्टर की सलाह पर भीम सिंह ने सहमति दे दी। जिसके बाद डॉक्टर श्याम बिहारी शर्मा और उनकी टीम ने 31 मई 2024 को ऑपरेशन करके एक बड़ी गांठ निकालकर भीम सिंह को दिखा दी। इसके बाद बच्चा स्वस्थ हो गया और वह घर ले गए। 9 महीने बाद फिर हुआ दर्द ऑपरेशन के बाद 9 महीने तक मयंक सही रहा लेकिन 2 फरवरी 2025 को उसके पेट में फिर दर्द हुआ। जिसके बाद भीम सिंह ने मयंक को अलवर के हरीश हॉस्पिटल में दिखाया। जहां एक्सरे और अन्य जांच की गयी। एक्सरे ,अल्ट्रासाउंड और अन्य जांच के बाद वहां के डॉक्टर ने बताया कि बच्चे के बायीं किडनी नहीं है। इस पर भीम सिंह को विश्वास नहीं हुआ तो उसने सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय के नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य संस्थान में मयंक को दिखाया। बाएं किडनी मिली गायब 10 फरवरी को मयंक को सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय के नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य संस्थान लेकर पहुंचे भीम सिंह ने वहां डॉक्टर को दिखाया। जहां डॉक्टर ने सोनोग्राफी कराई। रिपोर्ट आने पर वहां के डॉक्टर ने बताया कि मयंक की बायीं किडनी नहीं है,जिसकी बजह से इन्फेक्शन हो रहा है। यह सुनकर भीम सिंह परेशान हो गया। इसके बाद भीम सिंह को सवाई मानसिंह चिकित्सा महाविद्यालय के नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य संस्थान के डॉक्टर ने सलाह दी कि जहां ऑपरेशन कराया वहां डॉक्टर से मिलो। अंग तस्करी का लगाया आरोप 21 फरवरी 2025 को भीम सिंह के डी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। जहां उन्होंने डॉक्टर श्याम बिहारी शर्मा से मुलाकात की। भीम सिंह ने डॉक्टर श्याम बिहारी शर्मा को सभी रिपोर्ट दिखाई और मयंक की किडनी न होने की बात कही। यह सुनकर डॉक्टर श्याम बिहारी शर्मा पहले तो भीम सिंह को टरकाने का प्रयास करने लगे लेकिन जब भीम सिंह ने ज्यादा कहा तो डॉक्टर ने उन्हें धमकाते हुए पुलिस से बंद कराने की धमकी दे डाली। भीम सिंह ने बताया कि के डी मेडिकल कॉलेज में अंग तस्करी की जा रही है। पुलिस ने नहीं की कार्यवाही मयंक की किडनी चोरी करने का आरोप लगाते हुए भीम सिंह ने थाना पर शिकायत की। जिस पर पुलिस ने जांच की बात कहकर मामले को टरका दिया। इसके बाद जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो भीम सिंह ने 24 जून को एसएसपी से शिकायत की। एसएसपी ने सभी कागज देखने के बाद CMO से जांच कराने का आश्वासन दिया। लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बाद भीम सिंह ने कोर्ट की शरण ली जहां से कोर्ट ने पुलिस को FIR दर्ज कर मामले की जांच के आदेश दिए। इनके खिलाफ दर्ज हुई FIR कोर्ट के आदेश पर भीम सिंह की तहरीर पर थाना छाता में के डी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर श्याम बिहारी शर्मा, डॉक्टर समर्थ,आशीष,निश्चेतना,दीपक अग्रवाल,शालिनी और पुष्पेंद्र के अलावा मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर और 6 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मानव अंग प्रत्यारोपण की धारा 18 और भारतीय दंड संहिता की धारा 506 में मुकदद्मा दर्ज कर लिया।
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