आगरा में उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य के सगे भाई की शनिवार को जिला अस्पताल में खून के नमूने देने के लिए लाइन में खड़े- खड़े तबीयत बिगड़ गई। कर्मचारी उन्हें इमरजेंसी में लेकर पहुंचे, डाक्टरों की टीम 45 मिनट तक कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) सीपीआर और शाक (डिफिब्रिलेशन) देने में जुटी रही। मगर, उन्हें बचाया नहीं जा सका। हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। शाम को उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य के भाई बेलनगंज के रहने वाले 61 वर्ष के जूता कारखाना संचालक भाई उमेश कुमार पेट दर्द और बेचैनी होने पर अकेले ही स्कूटर से दोपहर में जिला अस्पताल पहुंचे। उनके परिचित कर्मचारी ने डा. आशीष मित्तल को दिखाया, उन्होंने अल्ट्रासाउंड कराने के लिए कहा। बेचैनी होने पर ब्लड प्रेशर की जांच कराई। ब्लड प्रेशर 169 होने पर ईसीजी और खून की जांच कराने के लिए भेज दिया। भूतल पर कमरा नंबर 16 में ईसीजी कराया, ईसीजी से हार्ट अटैक का पता नहीं चला। इसके बाद खून की जांच कराने के लिए बगल में स्थित कमरा नंबर तीन के बाहर लाइन में लग गए।
खडे़-खडे़ गिर गए
दोपहर एक बजे अचानक से तबीयत बिगड़ने वे गिर गए। कर्मचारी उन्हें इमरजेंसी लेकर पहुंचे। कैबिनेट मंत्री के भाई होने के चलते डाक्टरों की टीम इमरजेंसी में पहुंच गई। जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डा. आरके अरोड़ा ने बताया कि सीपीआर दिया गया। दिल की धड़कन नहीं आ रही थी इसके लिए शॉक दिया गया, लेकिन धड़कन नहीं लौटी। हार्ट अटैक से मौत हो गई।
एसएन के हृदय रोग विशेषज्ञों को भेजी गई ईसीजी की रिपोर्ट
हार्ट अटैक के मरीजों के इलाज के लिए एसएन मेडिकल कालेज को हब बनाया गया है, वाॅट्स एप ग्रुप से एसएन के हृदय रोग विशेषज्ञ के साथ ही जिला अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्रों के डाक्टरों को जोड़ा गया है। उमेश कुमार की तबीयत बिगड़ने पर इमरजेंसी में ईसीजी किया गया। ईसीजी की रिपोर्ट वाॅट्स एप ग्रुप पर डाली गई लेकिन तब तक हार्ट अटैक से मौत हो चुकी थी।
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