गयाजी के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने 6 जमीनों को रोक सूची से हटा दिया है। इन जमीनों पर वर्ष 2012-13 और 2013-14 से खरीद-बिक्री पर रोक लगी हुई थी। जांच के बाद इन जमीनों के खाता-खेसरा को रोक सूची से मुक्त किया गया है, जिससे अब इनकी खरीद-बिक्री संभव हो सकेगी। जिलाधिकारी ने जिला अवर निबंधन पदाधिकारी और सभी डीसीएलआर (उप समाहर्ता भूमि सुधार) को निर्देश दिया है कि अन्य लंबित रोक संबंधी फाइलों को भी प्रस्तुत करें। इसका उद्देश्य आम जनता को बेवजह कार्यालयों के चक्कर लगाने से बचाना है। जानें, रोक सूची वाली जमीनों से क्या मतलब है ‘रोक सूची’ का तात्पर्य उन जमीनों से है जिनकी खरीद-बिक्री पर प्रतिबंध होता है। ऐसी जमीनें अक्सर भू-अर्जन प्रक्रिया में शामिल होती हैं, सरकारी होती हैं, या उन पर न्यायालय में कोई मामला चल रहा होता है। न्यायालय द्वारा भी किसी जमीन की खरीद-बिक्री पर रोक लगाई जा सकती है, या फिर पूर्व में तैयार सरकारी जमीन की सूची में उनका नाम हो सकता है। यदि कोई जमीन वास्तव में रैयती (निजी स्वामित्व) पाई जाती है और भू-अर्जन, सीलिंग या किसी न्यायालयीन वाद से मुक्त होती है, तो उसे रोक सूची से हटाने की प्रक्रिया शुरू की जाती है। जिला स्तर पर इसके लिए एक समिति गठित है, जिसमें एडीएम राजस्व, जिला अवर निबंधक, डीसीएलआर और संबंधित अंचल के अंचल अधिकारी शामिल होते हैं। यह समिति जांच करती है और यदि जमीन विवाद मुक्त पाई जाती है, तो उसे रोक सूची से हटाने का प्रस्ताव भेजा जाता है, जिसके बाद उसका निबंधन (रजिस्ट्रेशन) शुरू किया जा सकता है। जिलाधिकारी बोले- पहले से कई जमीनों के निबंधन पर रोक जिलाधिकारी ने बताया कि पूर्व से कई जमीनों के निबंधन पर रोक लगी हुई है, जिनकी जांच-पड़ताल जारी है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि रोक सूची से संबंधित जमीनों की जांच में तेजी लाई जाए। जो जमीनें वास्तव में रैयती और सभी प्रकार के विवादों से मुक्त हैं, उनके निबंधन के लिए तुरंत अनुशंसा की जाए। विगत माह में 100 से अधिक मामलों को रोक सूची से मुक्त किया गया है। जिला पदाधिकारी ने सभी संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि आम जनता जो लंबे समय से अपने जमीन की रोक सूची से परेशान हो रहे हैं उसका शीघ्र जांच पड़ताल कर निराकरण करवाये। आज कुल 06 जमीनों को रोक सूची से हटाया गया है 01. चंदौती अंचल के चंदौती मौजा अंतर्गत गुलबदन देवी उर्फ कुलवदन देवी का वर्ष 2012 से रोक सूची में था, रोक सूची से हटाया गया। 02. बोधगया अंचल के अमवा मौजा अंतर्गत बीरेंद्र कुमार सिंह का वर्ष 2013 से रोक सूची में था, रोक सूची से हटाया गया। 03. बोधगया अंचल के नेवतापुर मौजा अंतर्गत प्रियंका कुमारी का वर्ष 2012 से रोक सूची में था, रोक सूची से हटाया गया। 04. बोधगया अंचल के धनावा मौजा अंतर्गत पारस नाथ बरेलिया का वर्ष 2014 से रोक सूची में था, रोक सूची से हटाया गया। 05. फतेहपुर अंचल के केतरा मौजा अंतर्गत विकास कुमार का वर्ष 2013 से रोक सूची में था, रोक सूची से हटाया गया। 06. परैया अंचल के अजमतगंज मौजा अंतर्गत सरोज कुमारी मेहता का वर्ष 2013 से रोक सूची में था, रोक सूची से हटाया गया।
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