हाथरस में लेबर कॉलोनी स्थित शेल्टर होम के निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी (एसडीएम) सदर और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) को कई परीक्षार्थी और उनके अभिभावक ठहरे हुए मिले। यह शेल्टर होम निराश्रित लोगों को सर्दी से बचाने के लिए बनाया गया है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह आश्रय गृह केवल निराश्रितों के लिए है, न कि परीक्षार्थियों या उनके अभिभावकों के ठहरने के लिए। ये परीक्षार्थी विभिन्न विषयों की परीक्षा देने के लिए बाहर से हाथरस आए थे। इसकी जानकारी मिलने पर नगर पालिका के सभासद सुनील पंडित और नवीन सबलोक भी शनिवार को मौके पर पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों से परीक्षार्थियों को वहीं ठहरने देने का आग्रह किया, जिस पर अधिकारियों और सभासदों के बीच तीखी बहस हो गई। उप जिलाधिकारी सदर ने सभासदों से कहा कि यदि उन्हें परीक्षार्थियों की इतनी चिंता है, तो वे उनके ठहरने का खर्च वहन करने को तैयार हैं, और सभासद भी उतनी ही राशि खर्च करें। इसके बाद बहस और बढ़ गई। अंततः, उप जिलाधिकारी सदर राजबहादुर ने परीक्षार्थियों को शेल्टर होम खाली करने का निर्देश दिया। उन्होंने दोहराया कि इस आश्रय गृह में केवल निराश्रित व्यक्ति ही रुक सकते हैं।
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