कांग्रेस ने मोदी सरकार पर महात्मा गांधी के आदर्शों को कुचलने का आरोप लगाया। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सैय्यद नासिर हुसैन ने शनिवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मनरेगा को खत्म कर सरकार ने 12 करोड़ मजदूरों से काम का अधिकार छीन लिया। यह गांधीजी के ग्राम स्वराज का अपमान है। साथ ही, नेशनल हेराल्ड मामले में कोर्ट के फैसले को ‘सच की जीत’ बताते हुए मोदी-शाह से इस्तीफे की मांग की। प्रेसवार्ता में राज्यसभा उप नेता प्रमोद तिवारी, पूर्व सांसद पीएल पुनिया, विधानमंडल दल नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’, मीडिया चेयरमैन डॉ. सीपी राय समेत कई नेता मौजूद रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस की 5 बड़ी बातें- भाजपा को गांधी के नाम से घृणा: सैय्यद नासिर हुसैन ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ‘सुधार’ के नाम पर लोकसभा में पास बिल से दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी स्कीम मनरेगा को खत्म कर दिया गया। यह महात्मा गांधी की सोच को मिटाने की साजिश है। मनरेगा गांधीजी के ग्राम स्वराज, काम की गरिमा और विकेंद्रीकृत विकास का प्रतीक था, लेकिन सरकार ने न सिर्फ उनका नाम हटाया, बल्कि 12 करोड़ मजदूरों के अधिकार कुचले। कोविड महामारी में यह योजना लाखों परिवारों की ढाल बनी थी। मोदी का 11 साल पुराना विरोध: हुसैन ने कहा कि 2014 से मोदी मनरेगा के खिलाफ रहे। उन्होंने इसे ‘कांग्रेस की नाकामी की निशानी’ कहा था। 11 सालों में सरकार ने बजट काटा, फंड रोके, जॉब कार्ड डिलीट किए और आधार पेमेंट की मजबूरी से 7 करोड़ मजदूरों को बाहर कर दिया। पिछले 5 सालों में औसतन सिर्फ 50-55 दिन काम मिला। अब नया फ्रेमवर्क संविधान के अनुच्छेद 21 के अधिकार को खत्म कर रहा है। काम का हक अब केंद्र की मर्जी पर निर्भर, जो कोई सुधार नहीं बल्कि गरीबों से वादा तोड़ना है। कांग्रेस ने इसे ग्रामीण भारत पर हमला बताया। केंद्र क्रेडिट लेगा, राज्य पेमेंट करेंगे : कांग्रेस महासचिव ने मोदी के फेडरलिज्म पर तंज कसते हुए कहा कि मनरेगा 100% केंद्र फंडिड था, लेकिन अब राज्यों पर 40% खर्च का बोझ डालकर 50 हजार करोड़ से ज्यादा का फाइनेंशियल धोखा किया जा रहा है। केंद्र नियम, ब्रांडिंग और क्रेडिट पर कंट्रोल रखेगा, लेकिन पेमेंट राज्य करेंगे। हुसैन बोले, “यह वेलफेयर नहीं, मजदूरों को प्राइवेट खेतों में धकेलने की साजिश है। पंचायतों से अधिकार छीनकर डिजिटल सर्विलांस को सौंपा : हुसैन ने कहा कि मोदी सरकार ने ग्राम सभाओं और पंचायतों के अधिकार छीनकर GIS मैपिंग, बायोमैट्रिक्स, डेशबोर्ड और ऐल्गोरिद्म निगरानी को सौंप दिया। ‘विकसित भारत इन्फ्रास्ट्रक्चर स्टैक’ के नाम पर स्थानीय जरूरतों को नजरअंदाज किया जा रहा है। मनरेगा का डिमांड ड्रिवन नेचर खत्म कर केंद्र द्वारा तय एलोकेशन लाया जा रहा, जो फंड सीमित कर राज्यों को सजा देगा। यह बेरोजगारी से जूझते युवाओं और ग्रामीण परिवारों की आखिरी सुरक्षा पर वार है। नेशनल हेराल्ड में सच की जीत : प्रेसवार्ता में हुसैन ने नेशनल हेराल्ड केस को ‘मोदी-शाह की बदले की राजनीति’ बताया। कोर्ट ने सोनिया-राहुल गांधी पर ED केस खारिज कर दिया, जो राजनीतिक साजिश थी। ईडी ने सीबीआई की जगह मनमानी की, लेकिन कोर्ट ने फटकार लगाई। 2014 से 2021 तक कोई मूल अपराध नहीं था, फिर भी राजनीतिक दबाव में FIR की गई। हुसैन बोले, भाजपा ने वोट चोरी का पर्दाफाश होने पर झूठ फैलाया। ED भाजपा की धमकी वाली एजेंसी बन गई।
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