अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी परिसर में देशद्रोह के आरोपी और जेएनयू के पूर्व छात्र शरजील इमाम की रिहाई की मांग को लेकर नारेबाजी की गई। मौलाना आजाद लाइब्रेरी पर 15 दिसंबर को एकत्रित हुए छात्रों की नारेबाजी का वीडियो वायरल होने के बाद जिला और एएमयू प्रशासन ने हड़कंप मच गया। प्रशासनिक स्तर पर मामले की जांच शुरू हो गई है। पोस्ट जारी कर की थी मार्च निकालने की घोषणा एएमयू छात्रों ने एक पोस्ट जारी कर शरजील इमाम के समर्थन में शाम करीब साढ़े चार बजे मार्च निकालने की घोषणा की थी। इसकी जानकारी होने पर यूनिवर्सिटी और पुलिस–प्रशासन सतर्क हो गया। इसके बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई। उमर खालिद और मीरान के पक्ष में भी की नारेबाजी पुलिस प्रशासन के अलर्ट होने पर छात्रों ने मार्च तो नहीं निकाला, लेकिन मौलाना आजाद लाइब्रेरी पर एकित्रत हो गए। छात्रों ने शरजील इमाम के समर्थन में नारे लगाए। इस दौरान दिल्ली दंगों के मामलों में जेल में बंद उमर खालिद और मीरान हैदर के पक्ष में भी नारेबाजी की गई। नारेबाजी का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। शरजील के विवादित बयान से जुड़ा है मामला शरजील इमाम पर देश को तोड़ने से जुड़े गंभीर आरोप हैं। सीएए-एनआरसी विरोध के दौरान दिए गए एक बयान में उसने असम को देश से अलग करने जैसी बात कही थी। उस बयान का वीडियो वायरल होने के बाद अलीगढ़ के सिविल लाइंस थाने में उसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था।इसके बाद दिल्ली और असम में भी अलग-अलग मामले दर्ज हुए। बिहार निवासी शरजील को बाद में दिल्ली पुलिस ने 2020 के दिल्ली दंगों के मुख्य आरोपितों में गिरफ्तार किया था। एएमयू से पुराना नाता सीएए-एनआरसी विरोध के दौरान 15 दिसंबर 2019 को एएमयू में हुए उपद्रव और धरना-प्रदर्शन के समय शरजील इमाम 16 जनवरी 2020 को बाबे सैयद गेट पर चल रहे धरने में शामिल होने आया था। यहीं से उसके विवादित बयानों को लेकर मामला और तूल पकड़ गया। जांच में यह भी सामने आया था कि वह शाहीनबाग आंदोलन की कोऑर्डिनेशन कमेटी से भी जुड़ा रहा। पहले भी हो चुकी है नारेबाजी यह पहला मौका नहीं है जब एएमयू में शरजील इमाम के समर्थन में प्रदर्शन हुआ हो। उसकी गिरफ्तारी के बाद भी छात्रों ने सड़क पर उतरकर मार्च और सभा की थी। फिलहाल, मौलाना आजाद लाइब्रेरी की कैंटीन पर हुई नारेबाजी के वीडियो की प्रशासन स्तर पर जांच की जा रही है। एएमयू को नारेबाजी का नहीं चला पता इस मामले में एएमयू के प्रॉक्टर एम वसीम अली का कहना है कि मार्च निकालने की जानकारी हाेने पर एएमयू के साथ पुलिस–प्रशासन भी सक्रिय हो गया था। लेकिन छात्रों की नारेबाजी का पता वीडियो वायरल होने के बाद चला। इस मामले में जानकारी की जा रही है।
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