खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड में स्थित ऐतिहासिक अगुवानी गंगा घाट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। वर्षों पुरानी इस मांग को लेकर अब युवा, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय ग्रामीण एकजुट हो गए हैं। पर्यटन स्थल बनाने से क्या होगा फायदा? युवाओं रजनीश कुमार, राम अकबाल सिंह और कृष्णकांत झा ने बताया कि अगुवानी गंगा घाट को पर्यटन और पिकनिक स्थल के रूप में विकसित करने से क्षेत्र को राष्ट्रीय पहचान मिलेगी। साथ ही, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। अगुवानी गंगा घाट की विशेषताएं स्थानीय युवाओं के अनुसार, अगुवानी गंगा घाट प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है। इसका विस्तृत गंगा तट, खुला मैदान और शांत वातावरण इसे पर्यटन के लिए उपयुक्त बनाता है। हालांकि, हर साल नए साल, माघ पूर्णिमा और छठ जैसे पर्वों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए यहां आते हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव में उन्हें परेशानी होती है। क्या हैं मांगें? युवाओं ने घाट पर साफ-सफाई, शौचालय, चेंजिंग रूम, बैठने की व्यवस्था, लाइटिंग और बेहतर सड़क संपर्क जैसी बुनियादी सुविधाओं के निर्माण की मांग की है। उनका सुझाव है कि सामुदायिक पिकनिक स्पॉट, गंगा आरती, नौका विहार और सांस्कृतिक आयोजनों की व्यवस्था से यह स्थल पर्यटन मानचित्र पर प्रमुखता से उभर सकता है। इसे भागलपुर, पटना और सुल्तानगंज जैसे अन्य गंगा घाटों की तर्ज पर विकसित करने का प्रस्ताव है। क्षेत्रीय विकास का केंद्र सामाजिक कार्यकर्ता सतीश मिश्रा और छात्र नेता प्रशांत सुमन ने कहा कि यदि सरकार और जिला प्रशासन इस दिशा में ठोस पहल करता है, तो अगुवानी गंगा घाट क्षेत्रीय विकास का केंद्र बन सकता है। इससे होटल, चाय-नाश्ते की दुकानें, नाव संचालन, गाइड सेवा और हस्तशिल्प जैसे क्षेत्रों में सैकड़ों युवाओं को रोजगार मिलेगा, जिससे पलायन की समस्या पर भी अंकुश लगेगा।
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