प्रतापगढ़ के कुंडा में राष्ट्रीय संस्था एआईसीबी/डीएबी द्वारा संचालित सीबीआर प्रोजेक्ट के तहत एक नेटवर्क और महिला सशक्तिकरण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में संगठन को मजबूत करने और दृष्टिबाधित व्यक्तियों के अधिकारों पर विस्तृत चर्चा हुई। यह कार्यक्रम कुंडा स्थित एक मैरिज हॉल में आयोजित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य दृष्टिबाधित सदस्यों के बीच आपसी संवाद को बढ़ाना, संगठनात्मक एकजुटता लाना और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम की शुरुआत देवी सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुई। इसके बाद दृष्टिबाधित साथी राजा शर्मा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। पदमा चैप्टर के अध्यक्ष कमलेश कुमार, ऊषा चैप्टर के अध्यक्ष प्रेम चंद्र और एनएवीएच की प्रतिनिधि गौरी सेन का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। नेटवर्क मीटिंग के दौरान सभी उपस्थित दृष्टिबाधित सदस्यों ने अपना परिचय दिया और एक-दूसरे से जानकारी साझा की। प्रभारी परियोजना अधिकारी मनीष कुमार मिश्र ने सदस्यों का स्वागत करते हुए ऐसी बैठकों को आपसी परिचय और संपर्क मजबूत करने का माध्यम बताया। उन्होंने चैप्टर गठन और चुनावी प्रक्रिया की भी जानकारी दी। पदमा चैप्टर के अध्यक्ष कमलेश कुमार और ऊषा चैप्टर के अध्यक्ष प्रेम चंद्र ने नेटवर्क मीटिंग के उद्देश्यों और चैप्टर संचालन के अपने अनुभव साझा किए। एनएवीएच की प्रतिनिधि श्रीमती गौरी सेन ने संगठन की शक्ति पर जोर देते हुए सभी से संगठित रहकर संस्था द्वारा दिए गए अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह किया। एडवोकेसी अधिकारी और प्रभारी परियोजना अधिकारी डॉ. मनीष कुमार मिश्र ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के तहत मिलने वाले अधिकारों और सुविधाओं की जानकारी दी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कुंडा की डॉ. हिमानी जायसवाल ने दृष्टिबाधित महिलाओं को स्वास्थ्य, प्रजनन और शारीरिक स्वच्छता से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने महिलाओं के सवालों के जवाब दिए और सामाजिक कुरीतियों तथा भ्रांतियों से बचने की सलाह दी। कार्यक्रम के अंत में, प्रभारी परियोजना अधिकारी ने सभी उपस्थित सदस्यों का आभार व्यक्त किया और संगठन को और अधिक सशक्त बनाने के लिए निरंतर संपर्क में रहने की अपील की।
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