मुजफ्फरपुर के डीएम सुब्रत सेन ने शनिवार को मरवन प्रखंड के रौतनिया स्थित कचरा डंपिंग स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान डीएम ने मैनेजमेंट एंड प्रोसेसिंग और विधायक अजीत कुमार समेत स्थानीय लोगों से मुलाकात कर कचरा डंपिंग से जुड़ी समस्याओं को सुना। निरीक्षण और समस्याओं को सुने जाने के दौरान डीएम ने वेस्ट मैनेजमेंट के लिए नगर निगम की ओर से किए जा रहे कामों के प्रगति की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि वेस्ट प्रोसेसिंग के लिए जनवरी, फरवरी 2025 में टेंडर निकाला गया था, जिसमें 8 एजेंसियों ने भाग लिया था। तकनीकी प्रक्रिया में चार एजेंसियां सफल रही थीं डीएम ने बताया कि वेस्ट प्रोसेसिंग के लिए टेंडर में शामिल 8 में से 4 एजेंसियां तकनीकी प्रक्रिया में सफल रही थी, जबकि 4 को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था। बाहर की गई एजेंसियों की आपत्तियों का निराकरण नगर विकास विभाग को करना है। डीएम बोले- विधानसभा चुनाव को लेकर प्रक्रिया में बाधा आई थी डीएम सुब्रत सेन ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2025 की आचार संहिता के कारण इस प्रक्रिया में बाधा आई थी। अब एक बार फिर जिला प्रशासन की पहल पर दोबारा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। डीएम ने आश्वासन दिया कि जनवरी 2026 तक विभाग की ओर से आपत्तियों का निपटारा कर एजेंसी का अंतिम चयन कर लिया जाएगा। अगले 6 महीने के अंदर वेस्ट प्रोसेसिंग को लेकर काम होगा शुरू डीएम ने कहा कि एजेंसी के सिलेक्शन के अगले छह महीनों के अंदर वेस्ट प्रोसेसिंग का काम धरातल पर शुरू हो जाएगा, जिससे मुजफ्फरपुर को गंदगी से निजात मिलेगी। मौके पर मौजूद विधायक अजीत कुमार के सुझाव पर जिलाधिकारी ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों और नगर निगम कर्मियों की एक संयुक्त कमेटी गठित करने का निर्देश दिया। ये कमेटी प्रतिदिन की साफ-सफाई की निगरानी करेगी और इसकी नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी, ताकि स्थानीय निवासियों को बदबू और गंदगी से होने वाली परेशानियों को कम किया जा सके। मुजफ्फरपुर में बनेगा बिहार का पहला आधुनिक वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट मुजफ्फरपुर में बिहार का पहला मॉर्डन वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने की तैयारी है। प्लांट के लिए केंद्र सरकार ने 75 करोड़ और राज्य सरकार ने 18.75 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। नगर आयुक्त विक्रम वीरकर के मुताबिक, जिले के रौतानिया में ये वर्ल्ड क्लास प्रोसेसिंग प्लांट विकसित किया जाएगा। वेस्ट डिस्पोजल की प्रक्रिया तीन चरणों में होगी। पहला चरण: ट्रांसपोर्टेशन के दौरान कचरे की छंटाई की जाएगी।
दूसरा चरण: बिक्री योग्य कचरे को नगर निगम बेचेगी।
तीसरा चरण: दोबारा यूज हो सकने वाले वेस्ट को प्रोसेस किया जाएगा। RDF तकनीक से नष्ट किया जाएगा प्लास्टिक वेस्ट प्लांट में जैविक कचरे से कंपोस्ट बनाया जाएगा। वेस्ट प्लास्टिक को RDF तकनीक से नष्ट किया जाएगा। जो प्लास्टिक नष्ट नहीं हो सकता, उसे कोयले की तरह ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। शहर में तीन जगहों- चंदवारा, तीन पोखरिया और रौतानिया में ट्रांसफर स्टेशन बनाए जाएंगे। यहां कचरे की प्रारंभिक छंटाई होगी। प्लांट 2026 तक तैयार हो जाएगा। शहरी क्षेत्र और आसपास के इलाकों से निकलने वाले कचरे का अध्ययन भी किया जा रहा है। ये प्लांट बिहार में अपनी तरह का पहला एंड-टू-एंड कचरा प्रबंधन केंद्र होगा।
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