‘मुख्यमंत्री, मंत्री जैसे लोग गिरेंगे तो प्यादों का क्या होगा? अभी तो छोटे प्यादों की बात नहीं आई है। अभी जो ऊपर का लेवल है वही अपने लेवल से गिरता जा रहा है। मंत्री गिरिराज सिंह तो हमेशा मुंह से जहर ही उगलते हैं। उन्होंने जो ‘जहन्नुम में जाने की’ बात की है, कहीं ऐसा न हो कि जनता उन्हें ही जहन्नुम भेज दे। वह होते कौन हैं, महिलाओं को जहन्नुम में भेजने वाले? सीएम नीतीश कुमार के हिजाब हटाने वाले मामले में भाजपा और उसके सहयोगी दलों का बयान बेहद शर्मनाक रहा है।’ यह कहना है शायर मुनव्वर राणा की बेटी और सपा प्रवक्ता सुमैया राणा का। सुमैया को 18 दिसंबर को पुलिस ने इसलिए हाउस अरेस्ट कर लिया, क्योंकि वह कैसरबाग थाने के खिलाफ पुलिस कमिश्नर से मिलना चाहती थीं। दरअसल, उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हिजाब हटाने वाले मामले पर थाने में शिकायत दी थी लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाउस अरेस्ट के 24 घंटे बाद बाहर आईं सुमैया राणा ने दैनिक भास्कर के रिपोर्टर से खास बातचीत की। पढ़िए… सवाल : आपको क्यों हाउस अरेस्ट किया गया? जवाब : मैंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हिजाब हटाने के मामले में थाने में तहरीर दी थी। उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वह बहुत ही ज्यादा विचलित करने वाला क्षण था। जब बिहार के मुख्यमंत्री इस तरह की बेहूदा हरकत कर रहे थे तो उस समय उस लड़की की भी मनोदशा विचार करने वाली होगी। उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री का बयान आता है कहीं और अगर छुआ होता तब पता नहीं कितना बवाल हो जाता? यह उनका बयान कितना शर्मनाक है। इसके बाद नीतीश कुमार और संजय निषाद को स्पेशल सुरक्षा दी गई। महिलाओं का नहीं आपराधिक गतिविधि वाले लोगों का सशक्तrकरण हो रहा है। इस संबंध में मैंने 2 दिन पहले तहरीर दी अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह महिलाओं के सम्मान की लंबी लड़ाई है, इसे मैं लड़ूंगी। सवाल : इस घटना के बाद महिला ने नौकरी ठुकरा दी और बिहार छोड़ दिया? जवाब : नुसरत परवीन उस वक्त भले ही रिएक्ट ना कर पाई हों मगर वह एक पढ़ी-लिखी महिला हैं। इस घटना को उनकी मनोदशा नहीं डाइजेस्ट कर पा रही है इसीलिए उन्होंने यह कदम उठाया होगा। अगर मुख्यमंत्री जैसा सम्मानित व्यक्ति यह काम करेगा तो इंसान को डर लगेगा ही। जब यह ऐसा कर सकते हैं तो छोटे प्यादे क्या करेंगे? इसीलिए उन्होंने सेफ साइड यह फैसला किया। सवाल : CAA-NRC का मुद्दा हो, आई लव मोहम्मद..सुमैया हमेशा क्यों विरोध करती हैं और हाउस अरेस्ट होती हैं? जवाब : इन मुद्दों के अलावा और भी मुद्दे थे जिस पर मुझे हाउस अरेस्ट किया गया था। कैसरबाग कोतवाली समेत 4-5 थानों में इसका रिकॉर्ड है। हाथरस में जब दलित बच्ची को जलाया गया था तब भी आवाज उठाई थी। किसानों पर जब गाड़ियां चढ़ी थीं उस वक्त भी मुझे हाउस अरेस्ट किया गया था। नूपुर शर्मा के खिलाफ भी आवाज उठाई थी। आंदोलन से निकलकर आई हूं, सिर्फ पॉलिटिक्स करना मेरा उद्देश्य नहीं। न्याय के प्रति मिशन के तहत काम कर रही हूं। वसीम मलिक का शेर है… ‘मैं इसलिए जिंदा हूं कि मैं बोल रहा हूं, दुनिया किसी गूंगे की कहानी नहीं लिखती’। सवाल : यूपी में SIR हो रहा है, इस दौरान कई BLO की मौत हुई? जवाब : ये चीजें जनता को डिस्टर्ब करने वाली हैं। SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) पहले केवल IR (गहन पुनरीक्षण) था। इसको ‘विशेष’ करने की क्या मंशा है? इसके पीछे यह तो वही जान सकते हैं। पहले बिहार, पश्चिम बंगाल और अब उत्तर प्रदेश की बारी है। पूरी प्रक्रिया होने के बाद पता चलेगा कौन घाटे में रहा और कौन फायदे में मगर फिलहाल एक भय का माहौल पैदा हो गया है। घुसपैठियों के नाम पर गरीब जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। 350 किलो आरडीएक्स आ जाता है, पता नहीं चलता। आतंकवादी हमला कर देते हैं, सरकार कुछ नहीं कर पाती। सरकार का दोहरा चरित्र है, ऐसी मंशा पूरी नहीं होगी। सवाल : वक्फ संपत्तियों को वक्फ पोर्टल पर दर्ज करवाया जा रहा है, 6 महीने और समय दे दिया है? जवाब : वक्फ बहुत बड़ा इशू है जो एक विशेष समुदाय से जुड़ा हुआ है। ये कहते हैं कि वक्फ का भला करने के लिए कानून लेकर आए, मगर भला कैसे होगा? बड़ी-बड़ी सरकारी इमारतें ₹50 और 100 किराया दे रही हैं। सबसे पहले रिवीजन ऑफ रेंट होना चाहिए। वक्फ की सरकारी इमारत का किराया आज के रेट के हिसाब से हो। शाहबानो के केस में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि प्रदेश का वक्फ बोर्ड महिलाओं को गुजारा भत्ता देगा। हमारी जानकारी में आज तक किसी भी महिला को गुजारा भत्ता नहीं मिला। ये वक्फ की चीजों पर सिर्फ अपना कब्जा जमाना चाहते हैं। बहुत से ऐसे वक्फ के कर्मचारी हैं जिन्हें 6 से 8 महीने का वेतन नहीं मिला। सवाल : आप एक शायर की बेटी हैं तो मौजूदा हालात पर कोई शेर कहना चाहें? जवाब : आज के हालात पर बस यही कहूंगी… हमारी बेबसी देखो उन्हें हमदर्द कहते हैं
जो उर्दू बोलने वालों को दहशतगर्द कहते हैं
अगर दंगाइयों पर तेरा कोई बस नहीं चलता
तो फिर सुन ले हुकूमत हम तुझे नामर्द कहते हैं…। हिजाब मामले में NDA के नेता बचाव करते दिखे हिजाब मामले में NDA के नेता नीतीश कुमार का बचाव करते नजर आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद गिरिराज सिंह ने हिजाब हटाने को सही ठहराया है। उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार ने कोई गलत काम नहीं किया है। अगर कोई नियुक्त पत्र लेने के लिए जा रही है तो क्या वो अपना चेहरा नहीं दिखाएगी?’ AIMIM के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद को धमकी दी है। उन्होंने कहा, ‘हिम्मत है तो महाराष्ट्र आकर दिखाओ, तू यूपी में है अगर हमारे हत्थे चढ़ा होता तो हम किसी को नही छोड़ते हैं!’ अब जानिए आखिर पूरा मामला क्या है 15 दिसंबर को CM नीतीश कुमार आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक महिला डॉक्टर नुसरत को पहले तो नियुक्ति पत्र दे दिया। इसके बाद उसे देखने लगे। महिला भी मुख्यमंत्री को देखकर मुस्कुराई। CM ने हिजाब की ओर इशारा करते हुए पूछा कि ये क्या है जी। महिला ने जवाब दिया, हिजाब है सर। CM ने कहा कि हटाइए इसे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद अपने हाथ से महिला का हिजाब हटा दिया। इस दौरान डिप्टी CM सम्राट चौधरी नीतीश कुमार को रोकने के प्रयास में उनकी आस्तीन खींचते हुए नजर आए। हिजाब हटाने से महिला थोड़ी देर के लिए असहज हो गई। आसपास मौजूद लोग हंसने लगे। कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने महिला को नियुक्ति पत्र फिर थमाया और जाने का इशारा किया। महिला फिर वहां से चली गई। —————— खबर ये है… लखनऊ में मुनव्वर राणा की बेटी हाउस अरेस्ट : CM नीतीश और मंत्री संजय के खिलाफ प्रदर्शन करने वाली थीं, बोलीं- मुंहतोड़ जवाब देंगे बिहार CM नीतीश कुमार के हिजाब हटाने और मंत्री संजय निषाद के बेशर्मी भरे बयान पर यूपी में हंगामा जारी है। गुरुवार को सपा ने लखनऊ में जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है। (पूरी खबर पढ़िए)
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