आगरा में 6 महीने बाद समाजवादी पार्टी को जिला और महानगर अध्यक्ष मिल गए हैं। पंचायत चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी ने PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के वोट बैंक को साधने के लिए 6 महीने से खाली चल रहे जिला और महानगर अध्यक्ष की घोषणा कर दी है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने ऊदल सिंह कुशवाह को जिलाध्यक्ष बनाया है। वहीं, कांग्रेस, बसपा के बाद सपा में आए शब्बीर अब्बास को महानगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है।
महानगर अध्यक्ष बनने के बाद दैनिक भास्कर ने नवनियुक्त महानगर अध्यक्ष शब्बीर अब्बास से खास बातचीत की। इसमें उन्होंने कहा-हम ऐसे लोगों को पार्टी से जोड़ेंगे, जो हमारे साथ हमेशा-हमेशा रहें। जो कार्यकर्ता घर बैठ गए हैं, उन्हें मनाएंगे और फिर से सक्रिय करते हुए समाजवाद को मजबूत करने के लिए साथ लेकर आएंगे। पढ़िये बातचीत के कुछ खास अंश…
आपकी प्राथमिकताएं क्या रहेंगी?
हमारी सबसे पहली प्राथमिकता है SIR पर ध्यान देना है। अधिकांश लोगों में भ्रांतियां हैं कि हमारा वोट न कट जाए। खासतौर से PDA के वोट बैंक पर नजर है कि उसको कम किया जाए। इसलिए सबसे पहले हम SIR पर ध्यान देंगे।
दूसरी प्राथमिकता, शहर की जनसमस्याओं को उठाना है। जनसमस्याओं को लेकर आंदोलन नहीं हो रहे। जगह-जगह जाम की समस्या है, मेट्रो ने जाम की समस्या को और बढ़ा दिया है। ऐसे मुद्दों को लेकर हम सक्रिय होंगे और आंदोलन करेंगे। हमारी कोशिश रहेगी कि हम लोगों की भावनाओं पर खरे उतरें। कार्यकारिणी का गठन कब तक हो जाएगा?
महानगर कार्यकारिणी का गठन एक महीने में हो जाएगा। मैं पहले क्षेत्रों में जाऊंगा। लोग समझते हैं कि कार्यकर्ता नेताओं के पास चलकर आए लेकिन मेरा मानना है नेताओं को कार्यकर्ताओं को पास जाना चाहिए। मैं वार्डवार दौरा करुंगा। लोगों से मिलूंगा-कार्यकर्ताओं से मिलूंगा, तब तय करुंगा कि कार्यकारिणी कैसी हो। आगरा में भाजपा के पैर मजबूती से जमे हैं, ऐसे में सपा इस चुनौती से कैसे सामना करेगी?
आगरा में हमारे लिए चुनौतियों का सामना करना ज्यादा मुश्किल नहीं है। हमारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामजीलाल सुमन यहां हैं। उनके रहते हमें ज्यादा परेशानी आएगी नहीं। उनके निर्देशन में काम होंगे। उनके सुझाव लेकर ही हम आगे बढ़ेंगे। 2017 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद अधिकांश कार्यकर्ता पार्टी छोड़ गए, ऐसे में संगठन को कैसे एकजुट करेंगे?
दो तरीके के लोग होते हैं। पहले वे लोग, जो अच्छाई के साथ जुड़ते हैं और दूसरे वे, जो स्वार्थ के साथ जुड़ता है। स्वार्थ के साथ जुड़ने वाले वाले स्वार्थ पूरा होते ही भाग जाते हैं। हम लोगों की सेवा करेंगे, हम लोगों को ऐसे लोगों को जोड़ेंगे कि जो हमारे साथ हमेशा-हमेशा रहें। जो कार्यकर्ता घर बैठ गए हैं, उन्हें मनाएंगे और फिर से सक्रिय करते हुए समाजवाद को मजबूत करने के लिए साथ लेकर आएंगे। कांग्रेस, बसपा के बाद सपा में आपको बड़ी जिम्मेदारी मिली है, क्या कहेंगे आप?
अच्छा सफर रहा है। ऐसा लग रहा है कि मैं परिवार में आ गया हूं। यहां जो प्यार मिलना चाहिए, वह पूर्ण रूप से मिल रहा है। अब पढ़िये कब से भंग है कार्यकारिणी
सपा प्रदेश अध्यक्ष ने 2 जून को सपा, आगरा जिला व महानगर कार्यकारिणी भंग कर दी थी। इसके साथ ही राज्य कार्यकारिणी व प्रकोष्ठों में शामिल आगरा के पदाधिकारियों व सदस्यों को हटा दिया गया था। निवर्तमान जिलाध्यक्ष श्रीकृष्ण वर्मा और निवर्तमान महानगर अध्यक्ष वाजिद निसार की 6 महीने से संगठन के कार्यों को कर रहे थे। कार्यकर्ता भी नई कार्यकारिणी घोषित होने का इंतजार कर रहे थे। वाजिद निसार 5 बार सपा के महानगर अध्यक्ष रह रहे हैं। PDA के फॉमूले पर सपा
अगले वर्ष पंचायत चुनाव होने हैं। PDA फार्मूला से जीत के समीकरण बनाने के लिए कमला नगर निवासी ओबीसी ऊदल सिंह कुशवाह को जिलाध्यक्ष बनाया है। वे वर्ष 2007 में आगरा पूर्व से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन हार गए थे। इसके साथ ही सपा में जिला महासचिव एवं जिला उपाध्यक्ष रह चुके हैं। फिर से मुस्लिम अध्यक्ष
वहीं, मुस्लिम वोट बैंक के लिए वैभव नगर, ताजगंज के रहने वाले शब्बीर अब्बास को महानगर अध्यक्ष नियुक्त किया है। कांग्रेस के बाद बसपा से वर्ष 2022 में आगरा उत्तर से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन हार गए थे। पिछले वर्ष सपा की सदस्यता ली थी। दोनों को पंचायत चुनाव के लिए संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी दी गई है। शब्बीर अब्बास से पहले इस पद की कमान भी मुस्लिम नेता के हाथ में थी। चौधरी वाजिद निसार इस पद पर 5 बार रह चुके हैं।
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