बसपा सुप्रीम मायावती हिजाब कांड को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भड़क गईं। कहा- मुख्यमंत्री को अपनी गलती मानें और पश्चाताप कर लें। कड़वा होते जा रहा विवाद खत्म करें। इसके अलावा, उन्होंने कथावाचक पुडंरीक गोस्वामी को बहराइच में सलामी देने को नियमों से खिलवाड़ बताया। कहा- अब लोग कार्रवाई का इंतजार कर रहे हैं। ऐसी घटनाएं दोबारा न हो, इसलिए सख्ती से कदम उठाने चाहिए। मायावती ने शनिवार को ‘X’ पर विधानसभा और संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर भी अपनी बात रखी। कहा- बांग्लादेश में भारत विरोधी गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं। यह चिंता का विषय है। मायावती ने कहा- बिहार के सीएम नीतीश ने डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम में मुस्लिम महिला डॉक्टर के चेहरे से नकाब हटाया। यह मामला शांत होने की बजाय मंत्रियों और अन्य लोगों की बयानबाजी के कारण लगातार बढ़ता जा रहा है, जो दुखद है। अच्छा होगा कि मुख्यमंत्री पश्चाताप कर लें और कड़वा होते जा रहे इस विवाद को यहीं पर खत्म कर दें। पहले मायावती की पूरी बात पढ़िए… अब पूरा मामला जान लीजिए… 3 तस्वीरें भी देख लीजिए… यूपी के मंत्री निषाद के बयान से और बिगड़ा मामला
इस बीच यूपी के मंत्री संजय निषाद ने नीतीश बचाव किया। कहा- अरे वो भी तो आदमी ही हैं न…छू लिया नकाब, तो इतना पीछे नहीं पड़ जाना चाहिए। कहीं और छू लिया तो क्या होता? आपको क्या लगता है कहीं और भी छू लेते हैं क्या? नहीं… नकाब पर आप लोग इतना कह रहे हैं। कहीं चेहरा-वेहरा छू लेते…कहीं और उंगली पड़ जाती तब क्या करते आप लोग? मंत्री निषाद एक चैनल को इंटरव्यू दे रहे थे। उनके बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों ने आपत्ति जताई। बाद में सफाई दी थी
विवाद बढ़ने पर मंत्री निषाद ने वीडियो जारी कर सफाई दी थी। कहा था- फोटो खिंच रही थी, नीतीश जी का आशय यही था कि थोड़ा ठीक फोटो आ जाए। चेहरा थोड़ा अच्छा आ जाए। अच्छे लोग अच्छी चीज देखते हैं। खराब लोग खराब चीज देखते हैं। अगर आप फोटो खिंचवा रही हैं। चेहरा आएगा तभी तो माना जाएगा न कि नियुक्ति पत्र किसने प्राप्त किया है। चौतरफा घिरे नीतीश कुमार… ——————— ये खबर भी पढ़िए… मथुरा हादसे के लिए अफसर जिम्मेदार, 19 जिंदा जले थे:66 पेजों की पहली जांच रिपोर्ट; सड़क दबी हुई और घुमावदार, लाइट भी नहीं मथुरा के यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे की 66 पेजों की पहली जांच गोपनीय रिपोर्ट सौंप दी गई। यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के अफसरों को हादसे का जिम्मेदार ठहराया गया है। दावा किया गया है कि जहां 19 लोग जिंदा जल गए, वह जगह ब्लैक स्पॉट थी। सड़क नीची और घुमावदार है। इसलिए संकेतक कोहरे में दिखाई नहीं देते। सड़क पर पेंटिंग दूर-दूर तक नहीं की गई। रोड पर लाइट नहीं लगाई गई थी। घने कोहरे में रिफ्लेक्टर भी दिखाई नहीं पड़ते हैं। घटनास्थल पर CCTV भी नहीं थे, जिसके कारण हादसा कैसे हुआ, इसके बारे में ठीक से जानकारी नहीं मिल सकी। पूरी खबर पढ़िए
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