दरभंगा जिले में बढ़ती शीतलहर के मद्देनजर कक्षा 1 से 8 तक के सभी सरकारी और निजी स्कूल 22 दिसंबर तक बंद कर दिए गए हैं। यह आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी, दरभंगा द्वारा जारी किया गया है। इसी बीच, जाले और सिंहवाड़ा प्रखंडों में स्थित तीन नगर पंचायतों और एक नगर परिषद में अभी तक सार्वजनिक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे स्थानीय लोग परेशान हैं। लकड़ी के अलाव से प्रदूषण का खतरा नगर क्षेत्रों में अलाव की व्यवस्था न होने के कारण लोग घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। लकड़ी के अलाव से प्रदूषण का खतरा भी बताया जा रहा है। स्थानीय निवासी सुबोध साह ने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से ठंड बढ़ी है, लेकिन प्रशासन की ओर से चौक-चौराहों पर आम लोगों के लिए अलाव की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। घने कोहरे के कारण दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ी टेम्पो चालक सुधीर कुमार ने जानकारी दी कि घने कोहरे के कारण सड़कों पर दृश्यता कम है, जिससे आवागमन में अधिक समय लग रहा है और दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ गई है। जाले प्रखंड के सूरज कुमार, सरोज कुमार सहित कई निवासियों ने नगर एवं प्रखंड प्रशासन से अलाव की व्यवस्था करने की मांग की है, ताकि यात्रियों और चालकों को राहत मिल सके। बाजारों में जलावन की व्यवस्था जाले अंचलाधिकारी वत्सांक कुमार ने बताया कि पिछले दो दिनों से ग्रामीण इलाकों के चौक-चौराहों और हाट-बाजारों में जलावन की व्यवस्था की जा रही है, जिसे आवश्यकतानुसार बढ़ाया भी जा सकता है। उन्होंने लोगों से जलावन की कमी होने पर सीधे संपर्क करने को कहा। वहीं, नगर पंचायत भरवाड़ा के कार्यपालक पदाधिकारी दिनेश दयाल ने बताया कि अलाव की व्यवस्था आज से चौक-चौराहों और सभी वार्डों में शुरू की जा रही है। निजी खर्च पर अलाव का इंतजाम दूसरी ओर, जाले नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुंदरम सानंद ने स्पष्ट किया कि लकड़ी के जलावन से वायु प्रदूषण अधिक होता है, इसलिए अभी तक अलाव की व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि गैस चूल्हे वाले अलाव की व्यवस्था पर काम चल रहा है और जल्द ही इसे चालू कर दिया जाएगा। सिंहवाड़ा नगर पंचायत और कमतौल नगर पंचायत में भी अभी तक अलाव की व्यवस्था नहीं हो पाई है, जहां कुछ लोगों ने निजी खर्च पर अलाव का इंतजाम किया है। लोगों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकले बढ़ती शीतलहर से बचाव के लिए सिंहवाड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रेमचंद प्रसाद ने लोगों को अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने, शरीर को गर्म कपड़ों से ढकने और ठंड लगने पर गर्म दूध या सरसों का तेल लगाने की सलाह दी है। उन्होंने गर्म भोजन करने और गुनगुना पानी पीने की भी सलाह दी है, साथ ही समस्या बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने को कहा है। शीतलहर बढ़ने के कारण निर्णय जिला शिक्षा पदाधिकारी कृष्णानंद सदा ने बताया है कि शीतलहर बढ़ने के कारण यह निर्णय लिया गया है और यदि मौसम में सुधार नहीं होता है तो यह आदेश आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
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