पीलीभीत जिले में पीसीएफ क्रय केंद्रों पर बड़े पैमाने पर फर्जी धान खरीद का आरोप लगा है। आरोप है कि कागजों में धान की खरीद दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस धांधली को छिपाने के लिए उन धान को भी राइस मिलों तक पहुंचाने के लिए खाली ट्रक सड़कों पर दौड़ाए जा रहे हैं, जो वास्तव में केंद्रों पर पहुंचा ही नहीं। सूत्रों और स्थानीय शिकायतों के अनुसार, यह पूरा सिंडिकेट पीसीएफ के जिला प्रबंधक कपिल देव के संरक्षण में चल रहा है। जिले भर में विभागीय मिलीभगत से फर्जी खरीद के आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं। कई केंद्रों पर तौल कांटे निष्क्रिय पड़े हैं और किसानों की उपस्थिति नहीं है, फिर भी सरकारी रिकॉर्ड में खरीद का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है। इस फर्जी खरीद को छिपाने के लिए प्रशासन की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। केंद्रों पर दर्ज ‘कागजी स्टॉक’ को मिलों तक पहुंचाने के लिए खाली ट्रकों को गेट पास जारी कर सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य भौतिक सत्यापन के दौरान स्टॉक की कमी को ‘ट्रांजिट’ में दिखाना है। इस खेल का सूत्रधार विभाग में लंबे समय से तैनात एक कर्मचारी बताया जा रहा है। इस धांधली से वास्तविक किसान ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। किसानों का आरोप है कि केंद्रों पर उन्हें नमी और अन्य बहाने बनाकर लौटा दिया जाता है, जबकि बिचौलियों के माध्यम से फर्जी एंट्री की जा रही हैं। इस धांधली के विरोध में अब जिले के किसान एकजुट हो रहे हैं और जल्द ही एक बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। इस गंभीर मामले पर एआर कोऑपरेटिव प्रदीप कुमार ने कहा, “जनपद में किसी भी स्तर पर फर्जी खरीद बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पीसीएफ के केंद्रों को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही हैं। हमने जांच टीमें गठित कर दी हैं।”
https://ift.tt/csQydUB
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply