जिले के मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र में भूमि विवाद का एक मामला इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ तक पहुंच गया है। यह प्रकरण खण्डासा थाना क्षेत्र की ग्राम पंचायत खण्डासा से जुड़ा हुआ है, जहां चकमार्ग संख्या 2512 पर कथित अवैध कब्जे का आरोप लगाया गया है। ग्राम पंचायत खण्डासा निवासी धर्मराज पुत्र शोभाराम ने इस संबंध में उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता का आरोप है कि स्थानीय स्तर पर कई बार शिकायत करने के बावजूद प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे विवश होकर उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। याचिका में बताया गया है कि खण्डासा गांव का चकमार्ग संख्या 2512 किसानों के खेतों तक पहुंचने का प्रमुख रास्ता है। आरोप है कि कुछ व्यक्तियों ने इस मार्ग पर अवैध कब्जा कर कंटीले तारों से घेराबंदी कर दी है, जिससे दर्जनों किसानों का खेतों तक आवागमन बाधित हो गया है और उनकी कृषि गतिविधियां गंभीर रूप से प्रभावित हो रही हैं। धर्मराज के अनुसार, उन्होंने इस मामले को लेकर थाना समाधान दिवस, तहसील समाधान दिवस के साथ-साथ जिलाधिकारी अयोध्या के कार्यालय में भी लिखित शिकायतें दीं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। याचिकाकर्ता ने ग्राम प्रधान और स्थानीय राजस्व अधिकारियों पर कब्जाधारियों से मिलीभगत का आरोप भी लगाया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि चकमार्ग पर यह अवैध कब्जा कई वर्षों से चला आ रहा है। जनहित याचिका दायर होने के बाद से गांव में चर्चा और हलचल तेज हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, न्यायालय से नोटिस जारी होने के बाद प्रशासनिक स्तर पर जांच में तेजी आने और कब्जाधारियों के खिलाफ कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। ग्रामीणों का मानना है कि यदि यह जनहित याचिका स्वीकार की जाती है और चकमार्ग को कब्जा मुक्त कराया जाता है, तो यह अयोध्या जनपद में इस तरह के अन्य भूमि विवादों के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल साबित हो सकती है।
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