देवरिया प्रशासन ने आईजीआरएस (इंटीग्रेटेड ग्रीवांस रिड्रेसल सिस्टम) पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) जैनेन्द्र सिंह ने हाल ही में उन विभागीय कार्यालयों की समीक्षा बैठक की, जिनका संतुष्ट फीडबैक के मामले में प्रदर्शन अत्यंत खराब पाया गया है। बैठक में अपर जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि खराब संतुष्ट फीडबैक यह दर्शाता है कि संबंधित अधिकारियों द्वारा शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का सही, प्रभावी और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण नहीं किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आवेदक की संतुष्टि सर्वोपरि है और इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सिंह ने निर्देश दिए कि प्रत्येक शिकायत के संदर्भ में संबंधित अधिकारी अनिवार्य रूप से शिकायतकर्ता से संपर्क करें। आवश्यकता पड़ने पर मौके पर जाकर स्थलीय निरीक्षण करें और समस्या का वास्तविक एवं समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करें। दिसंबर 2025 के आंकड़ों के अनुसार, जिन कार्यालयों का प्रदर्शन संतुष्ट फीडबैक के मामले में बेहद खराब पाया गया है, उनमें नगर पंचायत और नगर पालिका परिषदों के अधिशासी अधिकारी, विभिन्न विभागों के अधिशासी अभियंता (विद्युत, यांत्रिकी, निर्माण), खंड विकास अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, तहसीलदार, चकबंदी अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला समाज कल्याण अधिकारी, पूर्ति निरीक्षक, परियोजना अधिकारी डूडा, स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी चिकित्साधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी और परिवहन विभाग के अधिकारी शामिल हैं। अपर जिलाधिकारी प्रशासन ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिन संदर्भों में खराब गुणवत्ता की आख्या अपलोड की गई है, उनके संबंध में विस्तृत स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया जाए। साथ ही यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है कि क्यों न उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि नियंत्री अधिकारी होने के नाते अब तक की गई कार्रवाई का पूरा विवरण अनिवार्य रूप से प्रस्तुत किया जाए। प्रशासन की इस सख्ती से यह स्पष्ट है कि जन शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर अब कड़ी नजर रखी जाएगी और उनकी जवाबदेही तय की जाएगी।
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