DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

अमेरिका का सीरिया में आतंकी संगठन ISIS पर हवाई हमला:12 से ज्यादा ठिकानों पर एयरस्ट्राइक; दो अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद एक्शन

अमेरिका ने शुक्रवार को सीरिया में आतंकी संगठन ISIS से जुड़े कई ठिकानों पर हवाई हमले किए। अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई हाल ही में हुए उस हमले के जवाब में की गई है, जिसमें सीरिया में तैनात अमेरिका के दो सैनिक मारे गए थे। इस मिलिट्री ऑपरेशन को ‘ऑपरेशन हॉकआई’ नाम दिया गया है। यह नाम इसलिए रखा गया क्योंकि मारे गए दोनों सैनिक अमेरिका के आयोवा राज्य से थे, जिसे ‘हॉकआई स्टेट’ कहा जाता है। अधिकारियों के मुताबिक इस ऑपरेशन में सीरिया के अलग-अलग इलाकों में ISIS से जुड़े 12 से ज्यादा ठिकानों को निशाना बनाया गया। इनमें आतंकियों के ठहरने की जगह, हथियार रखने के गोदाम और दूसरी जगह शामिल हैं। अमेरिकी रक्षा मंत्री बोले- ये बदले की कार्रवाई है अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने इन हमलों को बदले की कार्रवाई बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा कि यह किसी नए युद्ध की शुरुआत नहीं है, बल्कि उन लोगों के खिलाफ जवाब है जिन्होंने अमेरिकी सैनिकों को मारा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की लीडरशिप में अमेरिका अपने लोगों की रक्षा से कभी पीछे नहीं हटेगा। यह पूरा मामला 13 दिसंबर को शुरू हुआ, जब सीरिया में एक हमले में अमेरिका के दो सैनिक और उनके साथ काम कर रहा एक लोकल ट्रांसलेटर मारा गया था। इसके बाद अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने कई छोटे ऑपरेशन चलाए, जिनमें करीब 23 लोगों को मार गिराया गया या गिरफ्तार किया गया। इन ऑपरेशन के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान से अहम जानकारियां मिलीं, जिनके आधार पर अब यह बड़ा हवाई हमला किया गया। ट्रम्प बोले- अमेरिका हमलावरों को जवाब दे रहा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि सीरिया में अमेरिकी सैनिकों की हत्या के बाद अब अमेरिका आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है। ट्रम्प ने बताया कि इस हफ्ते मारे गए बहादुर सैनिकों के शव पूरे सम्मान के साथ अमेरिका लाए गए और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने जो वादा किया था, उसे पूरा करते हुए अमेरिका अब उन आतंकियों को करारा जवाब दे रहा है, जो इस हमले के जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सेना सीरिया में ISIS के ठिकानों पर हमला कर रही है। ट्रम्प ने कहा कि सीरिया ने लंबे समय से बहुत खून-खराबा और हिंसा देखी है, लेकिन अगर ISIS को वहां से पूरी तरह खत्म कर दिया जाए, तो देश का भविष्य अच्छा हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सीरिया की सरकार इस कार्रवाई का समर्थन कर रही है। राष्ट्रपति ने आतंकियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो भी अमेरिका पर हमला करेगा या अमेरिका को धमकाएगा, उसे पहले से कहीं ज्यादा सख्त जवाब दिया जाएगा। सीरिया में सैकड़ों अमेरिकी सैनिक तैनात अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि सीरिया में अभी भी सैकड़ों अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। ये सैनिक कई सालों से ISIS के खिलाफ लड़ाई में लगे हुए हैं। 2014-15 के आसपास ISIS ने सीरिया और इराक के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था और वहां अपनी खिलाफत बना ली थी। बाद में अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की सैन्य कार्रवाई और सीरिया में सत्ता बदलाव के बाद ISIS का ज्यादातर इलाका उससे छिन गया, लेकिन संगठन के बचे हुए लड़ाके अब भी खतरा बने हुए हैं। ऑपरेशन हॉकआई का मकसद इन बचे हुए आतंकियों को बड़ा झटका देना और यह सुनिश्चित करना है कि वे अमेरिकी सैनिकों या उनके सहयोगियों पर फिर हमला न कर सकें। इस हमले में अमेरिका के साथ जॉर्डन जैसे सहयोगी देश भी शामिल हुए। ISIS ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली थी हालांकि इस हमले को लेकर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। सीरिया सरकार के गृह मंत्रालय ने कहा है कि 13 दिसंबर का हमला करने वाला इंसान उनकी इंटरनल डिफेंस सर्विसेज से जुड़ा था। अमेरिकी और सीरियाई अधिकारियों ने भी माना है कि उस हमलावर के ISIS से सीधे संबंध पूरी तरह साफ नहीं हैं और ISIS ने इस हमले की जिम्मेदारी भी नहीं ली है। इसके बावजूद अमेरिका का कहना है कि जिन ठिकानों पर हमला हुआ, वे ISIS से जुड़े थे। मारे गए अमेरिकी सैनिकों की पहचान 25 साल के सार्जेंट ‘एडगर ब्रायन टोरेस तोवार’ और 29 साल के सार्जेंट ‘विलियम नाथानियल हॉवर्ड’ के तौर पर हुई है। दोनों आयोवा राज्य के रहने वाले थे और आयोवा नेशनल गार्ड में सर्विस दे रहे थे। अमेरिकी सेना के मुताबिक, वे सीरिया के पालमायरा इलाके में दुश्मन से मुठभेड़ के दौरान मारे गए। इस हमले में आयोवा नेशनल गार्ड के तीन और सैनिक घायल भी हुए, जिन्हें इलाज के लिए सुरक्षित जगह भेजा गया है। ISIS के खिलाफ ऑपरेशन इनहेरेंट रिजॉल्व जारी आयोवा नेशनल गार्ड के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि इस समय उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता शहीद और घायल सैनिकों के परिवारों की मदद करना है। उन्होंने कहा कि पूरा आयोवा नेशनल गार्ड इस दुख की घड़ी में परिवारों के साथ खड़ा है। इस साल की शुरुआत में आयोवा नेशनल गार्ड के करीब 1,800 सैनिकों को मिडिल ईस्ट भेजा गया था। ये सभी ISIS के खिलाफ चल रहे अंतरराष्ट्रीय ऑपरेशन का हिस्सा हैं, जिसे ‘ऑपरेशन इनहेरेंट रिजॉल्व’ कहा जाता है। फिलहाल अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह अपने सैनिकों पर हुए किसी भी हमले का कड़ा जवाब देगा और सीरिया में ISIS के बचे हुए नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश जारी रखेगा।


https://ift.tt/S8hyZxq

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *