मोतिहारी जिले के अरेराज में श्रम संसाधन विभाग के निर्देश पर बाल श्रम उन्मूलन के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया। इसके तहत शुक्रवार 19 दिसंबर 2025 को संग्रामपुर प्रखंड में बड़ी कार्रवाई की गई। संग्रामपुर के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी (LEO) के नेतृत्व में गठित ‘विशेष धावा दल’ ने कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर चार बाल श्रमिकों को मुक्त कराया। धावा दल ने कुल चार प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की, जहां बच्चों से काम कराया जा रहा था। इन प्रतिष्ठानों में पवन होटल, लक्ष्मी मिष्ठान भंडार, संतोष स्वीट्स और लोहा स्टील हाउस शामिल हैं। प्रत्येक प्रतिष्ठान से एक-एक बाल श्रमिक को मुक्त कराया गया। श्रम अधीक्षक रमाकांत ने बताया कि बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत सभी दोषी नियोजकों के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बाल श्रमिकों से कार्य कराना एक गंभीर संज्ञेय अपराध है। इस अधिनियम के तहत दोषी पाए जाने पर 20 हजार से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना और 2 वर्ष तक का कारावास हो सकता है। इसके अतिरिक्त, माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, पुनर्वास कोष के लिए सभी नियोजकों से प्रति बाल श्रमिक 20,000 रुपए की वसूली भी की जाएगी। मुक्त कराए गए चारों बच्चों को बाल कल्याण समिति (CWC), पूर्वी चंपारण, मोतिहारी के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। समिति के आदेशानुसार, इन बच्चों को फिलहाल सुरक्षित देखरेख के लिए बाल गृह में रखा गया है, जहाँ उनके पुनर्वास और शिक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। इस अभियान में प्रशासन और पुलिस की एक संयुक्त टीम शामिल थी। इसमें संग्रामपुर, अरेराज, पहाड़पुर और पिपराकोठी के श्रम प्रवर्तन अधिकारी, ‘प्रथम’ संस्था के प्रतिनिधि, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) की टीम और संग्रामपुर थाने के चार पुलिसकर्मी प्रमुख रूप से शामिल थे।
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