अलीगढ़ में संयुक्त किसान मोर्चा और बिजली उपभोक्ता के साझा मंच का महापड़ाव शुक्रवार को 11वें दिन भी जारी रहा। लाल डिग्गी स्थित विद्युत वितरण निगम के कार्यालय पर बिजली विधेयक, स्मार्ट मीटर, चार लेबर कोड और मनरेगा से जुड़े मुद्दों का विरोध किया गया। इस दौरान संसद में मनरेगा की जगह पारित हुए वीबी–जीरामजी विधेयक की प्रतियां जलाई गईं। आरोप: नया कानून मनरेगा मजदूर विरोधी क्रांतिकारी किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव शशिकांत ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने से पहले से कर्ज के बोझ तले दबी राज्य सरकारों पर अतिरिक्त आर्थिक दबाव पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि नए कानून से ग्रामीण भारत के अंतिम पायदान पर खड़े मनरेगा मजदूरों की आजीविका पर संकट आ जाएगा। मनरेगा को समाप्त नहीं मजबूूत करें संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि मनरेगा जैसी रोजगार गारंटी योजना को समाप्त करने के बजाय इसे और मजबूत किया जाए। वहीं, शहरी गरीबों और बेरोजगारों के लिए भी इसी तरह की योजना लागू की जाए। देश के हर बेरोजगार नागरिक को आजीविका की कानूनी गारंटी मिलनी चाहिए। आंदोलन की दी चेतावनी किसान सभा के नेता इदरीश मोहम्मद ने कहा कि मनरेगा केवल ग्रामीण रोजगार तक सीमित नहीं थी। इसे मांग आधारित कार्यक्रम के रूप में लागू किया गया था, ताकि ग्रामीण विकास से जुड़ा बुनियादी ढांचा तैयार हो सके। इसके तहत ग्रामीण सड़कों, सिंचाई, पेयजल, पशुपालन और नागरिक सुविधाओं का विस्तार हुआ। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस योजना को कमजोर किया गया तो किसान और मजदूर देशव्यापी संघर्ष के लिए मजबूर होंगे। ये रहे मौजूद धरनास्थल पर नगेंद्र चौधरी, इदरीश मोहम्मद, सूरजपाल उपाध्याय, कृष्णकांत सिंह, आनंद पाल सिंह, सुभाष शर्मा, केबी मौर्य, सुरेशचंद्र गांधी, हरेंद्र चौधरी, लालाराम, नसीम राजा, खान अख्तर और योगेश कुमार सहित कई प्रमुख किसान नेता मौजूद रहे। स्मार्ट मीटर लगाने पहुंची टीम का विरोध उधर, नगला दारापुर गांव में स्मार्ट मीटर लगाने पहुंची बिजली विभाग की टीम का ग्रामीणों ने विरोध किया। ग्रामीणों का आरोप है कि स्मार्ट मीटर के जरिए उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाला जा रहा है, जिसे वे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करेंगे।
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