लखनऊ में रेपर्टवा फेस्टिवल सीजन 13 लगातार जारी है। जनेश्वर मिश्र पार्क में अपनी सांस्कृतिक यात्रा को आगे बढ़ाते हुए एक बार फिर शहर के दर्शकों को उत्सव, रचनात्मकता और कला की विविध विधाओं से जोड़ा। खुले और जीवंत माहौल में थिएटर, संगीत, साहित्य, कॉमेडी, भोजन और हस्तशिल्प का अनोखा संगम देखने को मिला, जिसे शहर भर से आए उत्साही दर्शकों ने पूरे उत्साह के साथ सराहा। शब्द के मंच पर झूमे दर्शक फेस्टिवल के दूसरे दिन की शुरुआत SHABD स्टेज पर कवि बादल शर्मा की प्रस्तुति से हुई। उनकी कविताओं में हास्य और संवेदनशीलता का संतुलन दर्शकों को खूब भाया। रोजमर्रा के अनुभवों को गहराई और अपनापन देते हुए उन्होंने श्रोताओं से सीधा संवाद स्थापित किया। इसके बाद कथात्मक प्रस्तुति के माध्यम से लोक धुनों और आत्मचिंतन से भरे गीत प्रस्तुत किए, जिसने दर्शकों को एक शांत और भावनात्मक अनुभव दिया। फारसी दास्तान का उठाया लुत्फ RANG थिएटर में संगीतमय दास्तानगोई नाटक ‘जो डूबा सो पार’ ने दर्शकों को बांधे रखा। मानव कौल द्वारा निर्मित और अजीतेश गुप्ता व मोहित अग्रवाल के निर्देशन में प्रस्तुत यह 120 मिनट की हिंदी-फारसी दास्तान अमीर खुसरो के जीवन को जीवंत करती है। हारमोनियम, ढोलक और तबले के साथ संगीतमय कथावाचन में खुसरो और उनके गुरु निजामुद्दीन औलिया के संबंध तथा सूफी प्रेम संदेश को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया गया। दो वर्षों के शोध पर आधारित यह प्रस्तुति रेपर्टवा की सशक्त कथावाचन परंपरा को आगे बढ़ाती दिखी। आकाश गुप्ता ने माहौल बना दिया MAHOL कॉमेडी एरीना में स्टैंड-अप कॉमेडियन आकाश गुप्ता ने अपनी तीखी टिप्पणियों और रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़े किस्सों से दर्शकों को ठहाकों से भर दिया। वहीं TAAL साइलेंट डिस्को स्टेज पर DJ Skipster के हिप-हॉप और इलेक्ट्रॉनिक मिक्स पर युवाओं ने हेडफोन के साथ जमकर डांस किया।
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