गया में शीतलहर से बचाव के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं। जिलाधिकारी शशांक शुभंकर के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन के माध्यम से 200 से अधिक सार्वजनिक स्थलों और चौक-चौराहों पर अलाव की व्यवस्था की गई है। इन अलाव के लिए आज 1746 किलोग्राम से अधिक लकड़ी का वितरण किया गया। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े गरीब व्यक्तियों तक भी अलाव की सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। अनुमंडल पदाधिकारी, जिला स्तर के अधिकारी को अलाव की जांच के निर्देश डीएम ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों और जिला स्तरीय अधिकारियों को नियमित रूप से फील्ड में रहकर अलाव जलने की जांच करने का आदेश दिया है। साथ ही, उन्होंने असहाय व्यक्तियों को कंबल उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं। बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग ने भी शीतलहर से बचाव के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। जिलाधिकारी ने आम जनता से इस एडवाइजरी का पूरी तरह पालन करने की अपील की है। जिलाधिकारी ने जिले के लोगों से कहा है कि जब तक अत्यंत आवश्यक न हो, घर के अंदर ही सुरक्षित रहें, खासकर वृद्ध और बच्चे। उन्होंने स्थानीय समाचार पत्रों, रेडियो या टेलीविजन के माध्यम से मौसम की जानकारी लेते रहने और शरीर में गर्मी बनाए रखने के लिए पौष्टिक आहार एवं गर्म पेय पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी है। जिलाधिकारी ने आम लोगों से की अपील बंद कमरों में जलती हुई लालटेन, दीया एवं कोयले की अंगीठी का प्रयोग करते समय धुएं के निकास का उचित प्रबंध करना सुनिश्चित करें एवं इसके प्रयोग के बाद अच्छी तरह से बुझा दें। हीटर, ब्लोअर आदि का प्रयोग करने के बाद स्विच ऑफ करना न भूलें अन्यथा यह जानलेवा हो सकता है। यदि घर से बाहर जाना आवश्यक हो तो शरीर पर समुचित गर्म कपड़ों को पहन कर ही निकलें तथा अपने सिर, चेहरा, हाथ एवं पैर को भी गर्म कपड़े से ढक लें। गयाजी में ठंड की कुछ तस्वीरें देखिए…
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