मधुबनी में भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग और भारतीय रिजर्व बैंक के संयुक्त देखरेख में शुक्रवार को ‘आपकी पूंजी-आपका अधिकार’ राष्ट्रीय अभियान का शुभारंभ किया गया। जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने समाहरणालय सभागार में एक दिवसीय जागरूकता शिविर का उद्घाटन किया। इस अभियान का उद्देश्य जिले के विभिन्न बैंकों में निष्क्रिय पड़े 3.48 लाख खातों में जमा 93.94 करोड़ रुपए की वित्तीय संपत्तियों को उनके वास्तविक खाताधारकों तक वापस पहुंचाना है। डीएम आनंद शर्मा ने बताया कि ये वे खाते हैं जिनमें 10 वर्ष या उससे अधिक समय से कोई लेनदेन नहीं हुआ है और जो वित्तीय संस्थानों में बिना दावे के पड़े हैं। उन्होंने सभी बैंकों से अनुरोध किया कि वे ऐसे सभी ग्राहकों से संपर्क करें और आरबीआई के माध्यम से उनकी शत-प्रतिशत राशि वापस दिलवाना सुनिश्चित करें। 29.30 करोड़ रुपए भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं में पड़े जिलाधिकारी ने बैंकों को निर्देश दिया कि वे अपने ग्राहक सेवा केंद्रों के माध्यम से इस जागरूकता अभियान को गांव-गांव तक प्रचारित करें। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अधिकृत सीएफएल ग्राम साथी के प्रतिनिधि भी इसमें सहयोग करेंगे। उन्होंने बताया कि खाताधारकों में सबसे अधिक 29.30 करोड़ रुपए भारतीय स्टेट बैंक की शाखाओं में पड़े हैं, जबकि बिहार ग्रामीण बैंक में सर्वाधिक 1,36,189 निष्क्रिय खाते हैं। 259 खाताधारकों को 3.04 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वापस अग्रणी जिला प्रबंधक गजेंद्र मोहन झा ने जानकारी दी कि इस अभियान के तहत निष्क्रिय खातों की वह राशि वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है, जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के डिपोजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड (DEAF) में चली गई है। उन्होंने बताया कि इस शिविर के माध्यम से मधुबनी जिले में बैंकों द्वारा अब तक 259 खाताधारकों को 3.04 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वापस की जा चुकी है। झा ने यह भी स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और सरल है। यह अभियान 31 दिसंबर, 2025 तक जारी रहेगा, और दावे की प्रक्रिया को काफी सहज बनाया गया है।
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