कैमूर सहित पूरे बिहार में जमीन और मकान की रजिस्ट्री कराना नए साल 2026 से महंगा हो सकता है। राज्य सरकार ने संपत्तियों के निबंधन दर (रजिस्ट्री शुल्क) में बढ़ोतरी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। करीब एक दशक बाद यह कदम उठाया जा रहा है, जिससे आम लोगों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। मद्य निषेध, उत्पादन एवं निबंधन विभाग ने सभी जिलों की जिला मूल्यांकन समितियों को मार्केट वैल्यू रेट (एमबीआर) की समीक्षा कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। वर्गीकरण के आधार पर मौजूदा बाजार दर का आकलन करेगी जिलाधिकारी (डीएम) की अध्यक्षता में गठित इस समिति में जिला अवर निबंधक, अपर समाहर्ता राजस्व, भूमि सुधार उपसमाहर्ता, अंचलाधिकारी और राजस्व पदाधिकारी शामिल हैं। यह समिति शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के वर्गीकरण के आधार पर मौजूदा बाजार दर का आकलन करेगी। इसमें विकसित, विकासशील और सामान्य क्षेत्रों के साथ-साथ मुख्य सड़क, प्रधान सड़क और शाखा सड़क से जुड़े भूखंडों के मूल्य निर्धारण की भी समीक्षा की जाएगी। समिति की अनुशंसा के आधार पर राज्य सरकार अंतिम निर्णय लेगी समिति की अनुशंसा के आधार पर राज्य सरकार अंतिम निर्णय लेगी, जिसके बाद संशोधित एमबीआर लागू होगा। वर्तमान में वर्ष 2016 के मार्केट वैल्यू रेट पर ही संपत्तियों की रजिस्ट्री हो रही है। नए रेट लागू होने पर रजिस्ट्री शुल्क तीन गुना तक बढ़ सकता है, जिससे जमीन और मकान की कीमतों में भी वृद्धि होने की संभावना है।
https://ift.tt/UejKa4G
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply