कैमूर के भभुआ प्रखंड की कूड़ासन पंचायत के सरेवा गांव में नल जल योजना पिछले नौ महीनों से पूरी तरह बंद है। वार्ड नंबर 6 के लगभग 200 से 250 घरों को पीने के पानी के लिए भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। योजना स्थल पर लगे बिजली मीटर के बावजूद, लाइन को सीधे नल जल योजना से जोड़ा गया है। इससे संकेत मिलता है कि यदि योजना कभी चली भी, तो वह बिजली चोरी के माध्यम से संचालित हुई, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ। कार्यस्थल पर योजना का कोई एस्टीमेट बोर्ड भी नहीं है, जिससे लागत और कार्य अवधि की जानकारी नहीं मिल पाती। ग्रामीणों का आरोप है कि पाइपलाइन नाली के रास्ते बिछाई गई है। उनके अनुसार, जब भी योजना चालू हुई, नाले का गंदा पानी घरों तक पहुंचा, जिसके कारण लोगों ने इसका उपयोग करना बंद कर दिया। 5 साल से योजना हुई थी शुरू वार्ड सदस्य ने बताया कि योजना को बने लगभग पांच साल हो चुके हैं, लेकिन शुरुआत से ही इसकी स्थिति खराब रही है। उन्हें कुछ ही दिनों तक पानी मिला, संभवतः कम पावर के मोटर पंप के कारण पानी घरों तक नहीं पहुंच पाया। कई बार शिकायत के बावजूद विभागीय अधिकारियों ने जांच नहीं की। ग्रामीण दीवान मारूं खान और पूर्व पैक्स अध्यक्ष गौरव सिंह ने बताया कि गर्मी के दिनों में उन्हें दूसरे वार्डों से पानी लाना पड़ता है। पीएचईडी विभाग के कार्यपालक पदाधिकारी ने इस पूरे मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। ग्रामीण प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि सभी कमियों को दूर कर शुद्ध पानी की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
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