सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान युवा नेता उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क उठी है। बांग्लादेश के शहरों में आक्रोशित भीड़ सड़कों पर उतर आई और सार्वजनिक एवं निजी संपत्तियों में आगजनी और तोड़फोड़ की। राजशाही में अवामी लीग के एक स्थानीय कार्यालय को प्रदर्शनकारियों ने बुलडोजर लाकर ध्वस्त कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने देश के दो प्रमुख समाचार पत्रों, द डेली स्टार और प्रोथोम आलो की इमारतों में भी आग लगा दी। द डेली स्टार के ढाका कार्यालय में भीड़ के घुसने के चार घंटे से अधिक समय बाद, अखबार के 25 पत्रकारों को बचाया गया। इसके अलावा, प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर चटोग्राम में भारतीय सहायक उच्चायोग के बाहर भी प्रदर्शन किया। इधर बांग्लादेश में ये सब चल रहा था और उधर भारत ने चुपचाप कश्मीर में एक ऐसा तहलका मचाया है जिसने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया है। भारत की इस ट्रेन ने पूरे पाकिस्तान में हलचल पैदा कर दी है।
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इतिहास में पहली बार मिलिट्री की एक स्पेशल ट्रेन भारी मात्रा में टैंक, आर्टिलरी गंस और कई तरह के हथियार लेकर कश्मीर पहुंच गई है। इस ट्रेन में इतने हथियार हैं जो पाकिस्तान को कुछ ही मिनटों में मिट्टी में मिला सकते हैं। आपको याद होगा कि कुछ समय पहले भारत ने पहली बार ट्रेन से ही एक अग्नि मिसाइल दागी थी। फ्लैशबैक में जाएं तो आपको याद आएगा कि ऑपरेशन सिंदूर से पहले देश भर में एक मॉक ड्रिल रखी गई थी। लेकिन असल में क्या हुआ था वह आप जानते हैं। इस बार कश्मीर में एक वैलिडेशन एक्सरसाइज की गई है जो एक तरह की मिलिट्री ड्रिल का हिस्सा है। वैलिडेशन एक्सरसाइज के तहत किसी सिस्टम या चीज को खास उद्देश्य के अनुरूप बनाने के लिए जांचा जाता है। इसी के तहत कश्मीर के एक खास रेलवे ट्रैक पर हथियारों से लदी ट्रेन को दौड़ाया गया है।
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यह वही रेल ट्रैक है जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने कुछ महीनों पहले किया था। 772 कि.मी. लंबा यह उधमपुर श्रीनगर बारामुला रेल ट्रैक है। अब इसी रेल लिंक के जरिए पहली बार ट्रेन में टैंक और भारी आर्टलरी गंस को जम्मू से कश्मीर के अनंतनाग पहुंचाया गया है। यानी पाकिस्तान के बेहद नजदीक पहुंचाया गया है। इस ड्रिल में चेक किया गया है कि ट्रेन इतने हथियार लेकर कितने समय में जम्मू से कश्मीर तक पहुंच जाती है। यह भी देखा गया है कि जरूरत पड़ने पर कितने सैनिकों को तुरंत कश्मीर पहुंचाया जा सकता है। वैसे आपको बता दें कि पहले यह रेल लिंक सिर्फ यात्री ट्रेनों के लिए था।
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सितंबर से लेकर अब तक इसी रेल रूट के जरिए सेना सर्दियों का 753 टन सामान कश्मीर पहुंचा चुकी है। बहरहाल आपको भारत की तैयारी का आलम दिखाएं तो कुछ महीनों पहले भारत ने पहली बार एक ट्रेन से अग्नि मिसाइल भी दागी थी। भारत ने अग्नि प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण एक रेल आधारित मोबाइल लांचर से किया था। यह ट्रेन से दागी जाने वाली अगली पीढ़ी की पहली मिसाइल थी जिसकी मारक क्षमता 2000 किलोमीटर तक है।
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