बहराइच के कतर्नियाघाट वन क्षेत्र में गेरुआ नदी से गुरुवार सुबह एक जंगली हाथी के शावक का शव बरामद किया गया। वन विभाग की टीम को यह शव नदी में उतराता मिला। पोस्टमार्टम के बाद शावक का विसरा जांच के लिए बरेली भेजा गया है। कतर्नियाघाट का जंगल नेपाल से सटा हुआ है। नेपाल की कर्णाली नदी कोठियाघाट सीमा से कतर्नियाघाट के जंगल में प्रवेश करते ही गेरुआ नदी बन जाती है। गुरुवार सुबह रेंजर आशीष गौंड वन कर्मियों के साथ नाव से गश्त कर रहे थे। इसी दौरान भवानीपुर गांव के पास नदी में उन्हें मृत शावक दिखाई दिया। टीम ने शव को बरामद कर रेंज कार्यालय पहुंचाया। डीएफओ सूरज समेत उच्चाधिकारियों के निर्देश पर पशु चिकित्सक डॉ. दीपक और डॉ. विपिन बिहारी ने उसका पोस्टमार्टम किया। शावक के शरीर पर किसी प्रकार के घाव या चोट के निशान नहीं मिले हैं। मृत हाथी मादा है और उसकी उम्र लगभग 10 से 15 दिन बताई जा रही है। रेंजर आशीष गौंड ने बताया कि हाथी का शव नेपाल की तरफ से बहकर आया है। वन विभाग का अनुमान है कि यह नन्हा शावक अपनी मां के साथ नदी पार करते समय तैर न पाने के कारण डूब गया होगा, जिससे उसकी मौत हो गई। मौत की सही वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट और विसरा जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी। हाथी संरक्षण पर काम कर रही संस्था ‘न्यूज़’ के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक ने इस घटना को वन्यजीव प्रेमियों के लिए दुखद बताया।
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