लखनऊ में सेंटर फॉर एनवायर्नमेंट एजुकेशन (CEE) और एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज (HDBFS) द्वारा बैठक आयोजित की गई । इस बैठक में विशेष रूप से देशभर में सामुदायिक-आधारित “Trash Shield” मॉडल को बड़े स्तर पर लागू करने के लिए एक ठोस राष्ट्रीय रणनीति पर चर्चा हुई। परामर्श बैठक में सरकार, कॉर्पोरेट क्षेत्र, शैक्षणिक संस्थानों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। लखनऊ, पुणे, अहमदाबाद और चेन्नई में पहले से लागू किए गए Trash Shield हस्तक्षेपों के अनुभव साझा किए गए, जिनके माध्यम से अब तक 650 टन से अधिक कचरे को नदियों और अन्य जल निकायों में जाने से रोका जा चुका है। यह आंकड़ा इस बात का प्रमाण है कि स्थानीय परिस्थितियों को समझते हुए, सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील और सामुदायिक सहभागिता पर आधारित मॉडल प्रभावी रूप से प्रदूषण को कम कर सकते हैं। बैठक में मुख्य वक्ताओं के रूप में कृपा तन्ना (लीड CSR, HDBFS), प्रीति कनौजिया (सीनियर प्रोग्राम डायरेक्टर, CEE) ने हिस्सा लिया। वक्ताओं ने तकनीकी नवाचार, व्यवहार परिवर्तन, और नगर–समुदाय–CSR साझेदारी मॉडल जैसे विषयों पर अपने अनुभव और सुझाव साझा किए। चर्चा में कचरा प्रबंधन से जुड़ी चुनौतियों और समाधान पर विचार-विमर्श किया। बैठक में तैयार की गई साक्ष्य-आधारित कार्ययोजना ने यह स्पष्ट किया कि धार्मिक सामग्री के लिए अलग जगह होना चाहिए। कृपा तन्ना ने कहा कि पर्यावरण और नदियों के प्रति लोग गंभीरता दिखा रहे हैं । भारत में स्वच्छ नदियों व जल निकायों के लिए एक प्रभावी एवं व्यापक रूप से अपनाया जा सकने वाला मॉडल बनकर उभर रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ नदियों और जल निकाय प्रबंधन के लिए जागरूक किया जाए। इसमें मुख्य भूमिका स्कूल और कॉलेज के छात्रों की होगी जब हम अपनी युवा पीढ़ी को इस बात के लिए प्रेरित कर लेंगे तो समाज में बदलाव स्वयं आएगा।
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