सहरसा नगर निगम में एक नाबालिग लड़की का बाल विवाह रोक दिया गया। कहरा प्रखंड विकास पदाधिकारी अभिलाषा पाठक के नेतृत्व में चाइल्ड हेल्पलाइन और एक एनजीओ की टीम ने यह कार्रवाई की। 16 वर्षीय लड़की को रेस्क्यू कर थाना लाया गया। ज्योति विवेकानंद संस्थान एनजीओ की ज्योति मिश्रा को सहरसा नगर निगम के वार्ड नंबर 4 पटुआहा से मोबाइल पर सूचना मिली थी। उन्हें बताया गया कि 16 साल की नाबालिग लड़की की शादी उससे दोगुनी उम्र के लड़के से की जा रही है। ज्योति मिश्रा ने इसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन की जिला कोऑर्डिनेटर टुसी कुमारी को दी। टुसी कुमारी ने बताया कि गुरुवार को कहरा प्रखंड विकास पदाधिकारी अभिलाषा पाठक के नेतृत्व में सहरसा पुलिस की टीम पटुआहा पहुंची और नाबालिग लड़की को बचाया। जिला कोऑर्डिनेटर ने की जांच सहरसा सदर थाना अध्यक्ष सुबोध कुमार, बीडीओ अभिलाषा पाठक और चाइल्ड हेल्पलाइन की जिला कोऑर्डिनेटर ने मामले की गहन जांच की। जांच में पता चला कि शिक्षा के अभाव के कारण परिवार अपनी बच्ची का कम उम्र में ही विवाह कर रहा था। अधिकारियों ने परिवार को समझाया अधिकारियों ने परिवार को समझाया कि 16 वर्ष की उम्र में शादी करना गैरकानूनी है। उन्हें बताया गया कि बेटी की शादी 18 वर्ष पूरे होने के बाद ही करनी चाहिए। कागजी कार्रवाई के बाद परिवार ने 18 वर्ष पूरे होने पर ही बेटी का विवाह करने का आश्वासन दिया। बीडीओ अभिलाषा पाठक ने कहा कि बाल विवाह को समय रहते रोक लिया गया। उन्होंने बताया कि कागजी कार्रवाई और हिदायत देने के बाद परिवार को छोड़ दिया गया।
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