DniNews.Live

Fast. Fresh. Sharp. Relevant News

नोएडा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई पर रोक:मेसर्स भसीन इंफोटेक के निदेशक सतिंदर सिंह भसीन व अन्य के खिलाफ वारंट पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ग्रेटर नोएडा, गौतमबुद्धनगर में द ग्रैंड वेनिस माल बनाने वाली कंपनी मेसर्स भसीन इंफोटेक व इंफ्रास्ट्रक्चर प्रा लि के डायरेक्टर सतिंदर सिंह भसीन व क्विंसी भसीन को बड़ी राहत दी है। हालांकि कोर्ट ने ई सी आई आर में मनी लांड्रिंग की ई डी कार्यवाही पर हस्तक्षेप से इंकार कर दिया किन्तु विशेष जज सी बी आई गाजियाबाद द्वारा जारी गैर जमानती वारंट पर रोक लगा दी है और याचियों को ई डी की विवेचना में सहयोग करने का निर्देश दिया है तथा बुलाने पर पेश होने को कहा है। कोर्ट ने याची के खिलाफ जारी ई सी आई आर की कार्यवाही को रद करने से साफ इंकार कर दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सी डी सिंह तथा न्यायमूर्ति एल के शुक्ल की खंडपीठ ने सतिंदर सिंह भसीन व क्विंसी भसीन की पूरी कार्यवाही को रद करने की मांग में दाखिल याचिका को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका में सी बी आई कोर्ट में भ्रष्टाचार निरोधक कानून की कार्यवाही, कोर्ट से जारी गैर जमानती वारंट,ई सी आई आर /एल के जेड ओ की कार्यवाही,मनी लांड्रिंग मामले में उत्पीड़न पर रोक लगाने , ई डी रेड को असंवैधानिक घोषित करने, सहित दर्ज एफआईआर को रद करने की मांग की गई थी। मालूम हो कि याची की कंपनी को ग्रेटर नोएडा में द ग्रैंड वेनिस माल व टावर निर्माण प्रोजेक्ट का काम दिया गया।जो 2014-15 में बनकर तैयार हो गया। 9 जून 15 को कासना थाने में याची के खिलाफ भारी अनियमितता के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद 2019तक कुल 49 एफ आई आर दर्ज हुई। तमाम घपले के आरोप लगे। पुलिस ने यह कहते हुए फाइनल रिपोर्ट दाखिल की कि मामला सिविल व कामर्शियल विवाद का है। प्रोटेस्ट पर पुलिस ने पूरक रिपोर्ट में याची के खिलाफ धारा 406मे चार्जशीट दाखिल की।तमाम एफआईआर को लेकर याची ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। सुप्रीम कोर्ट ने याची को 50 करोड़ जमा करने की शर्त पर जमानत दे दी। इसके बाद सभी एफआईआर एकीकृत करते हुए कोर्ट ने मुख्य एफआईआर की विवेचना का आदेश दिया।ई डी की दो एफआईआर अलग रही।सी बी आई कोर्ट की कार्यवाही स्थगित कर दी। इसके बाद ई डी की कार्यवाही में तेजी आई।
याची को पकड़कर थाने में बंद रखा गया।छापे ल जब्ती शुरू की।गोवा में 36 लाख रूपए बरामद किए गए।जो दूसरी कंपनी के बताए गए।सी बी आई कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया तो याची ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली।जहां से उसे हाईकोर्ट आने को कहा गया।जिसपर ये याचिकाएं दायर की गई थी।कहा ई डी को पी एम एल ए के तहत कार्रवाई का अधिकार नहीं है।उसका उत्पीड़न बंद किया जाय। कोर्ट ने आंशिक राहत देते हुए याचिका निस्तारित कर दी है।


https://ift.tt/F9NEWa2

🔗 Source:

Visit Original Article

📰 Curated by:

DNI News Live

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *