‘जुलाई में मां का निधन होने से पूरा परिवार टूट-सा गया था। पिता सिर्फ घर के लिए पैसे कमाते रहे। उन्होंने कभी दो बच्चों की करीब से परवरिश नहीं की थी। मां के गुजर जाने के बाद पिता बच्चों के करीब आए। वह ऐसा वक्त था जब दोनों बच्चे (बेटा-बेटी) पिता को खुद ही संभालने लगे। मां ने वह मजबूती दी कि उनके न रह जाने के बावजूद बेटा CLAT में लखनऊ का टॉपर बन गया।’ वह बेटा है- ओजस दीक्षित। दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने ओजस से बात की। उन्होंने बताया कि CLAT में ऑल इंडिया 23वीं रैंक मिली और लखनऊ में टॉप किया। आज मां मेरे साथ नहीं हैं, पर उनका मोटिवेशन हर पल महसूस कर रहा हूं। उनकी दी मजबूती से ही मैं यहां तक पहुंच पाया। अभी यह शुरुआत है। मुझे तो IAS बनना है। मां ने जो भी सलाह दी उसे पूरी लाइफ मानता जाऊंगा। 55 दिन पहले यानी 14 अक्टूबर से तैयारी शुरू की ती। उसके बाद 7 दिसंबर तक में 35-40 मॉक टेस्ट दे डाले। मां ने सलाह दी थी कि इसी फील्ड में करियर बनाना है। मैं इसे पूरा करूंगा। इसके बाद IAS भी बनूंगा। लॉ में जाने के लिए शुरुआत से ही डिबेट जैसी एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करता रहा। एग्जाम से एक दिन पहले धुरंधर मूवी भी देखने गया था। ओजस और उनके पिता ने और क्या-क्या बताया… पढ़िए… पहले पिता जो बोले उसे पढ़िए… मां की बदौलत ही बच्चों को मिली सफलता ओजस के पिता अरुण दीक्षित लखनऊ में एक कंपनी में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया- हम मूलत: निवासी कानपुर से हैं। 2 साल पहले ही लखनऊ शिफ्ट हुए। बेटा भी लखनऊ शिफ्ट हुआ है अभी 12वीं में पढ़ रहा है। अभी उसे बोर्ड एग्जाम देना है। एक बेटी है MBBS कर रही है। इसी साल जुलाई में पत्नी स्वाति दीक्षित का निधन हो गया। अचानक हुई इस घटना से पूरा परिवार टूट गया। पर ओजस ने न केवल खुद को संभाला, मुझे भी इसी ने संभाला और जो साल 2025 मेरे जीवन का सबसे कष्टकारी साल था। इस साल के जाते जाते उसने मुझे एक बहुत बड़ी खुशी दी है। पर मैं तो कभी बच्चों पर ध्यान ही नहीं दे पाया था, दोनों बच्चों को उनकी मां ने ही करियर चुनने में मदद की थी। उनकी कमी जरूर सभी को खलेगी पर आज मुझे बच्चों पर बहुत गर्व है। अब पढ़िए ओजस ने जो बताया… इस बार का पेपर पैटर्न थोड़ा अलग था ओजस कहते हैं- CLAT के पेपर में जो लॉजिकल रीजनिंग का सेक्शन होता है, उसमें क्रिटिकल रीजनिंग में पैसेज बेस सवाल होते हैं। इस बार क्रिटिकल रीजनिंग में पजल बेस सवाल पूछे गए। यह थोड़ा अलग था पर मेरे लिए फायदेमंद था। क्योंकि बचपन से ही मुझे पजल सॉल्व करने का शौक था इस क्षेत्र में जिसके चलते मैं अच्छा स्कोर कर पाया। ये फील्ड मुझे इंटरेस्टिंग लगता है। यही कारण है कि मेरी अच्छी तैयारी थी, इसीलिए मुझे पेपर को लेकर कोई प्रेशर भी महसूस नहीं हुआ। एग्जाम के एक दिन पहले ही मैंने धुरंधर फिल्म देखी थी। फिल्म बेहतरीन थी और मुझे अच्छी भी लगी। इसके अलावा मैं यूट्यूब पर भी एक्टिव रहता था। कठिन परिस्थितियों में पाई सफलता मैंने जिन परिस्थितियों में तैयारी शुरू की थी वह बहुत चैलेंजिंग थी, पर मुझे खुद की मेहनत पर पूरा भरोसा था। मुझे पता था कि यदि मैं मेहनत से पढ़ाई पूरी कर लूंगा तो निश्चित तौर पर बेहतरीन रैंक मिलेगी रिजल्ट आने पर यही हुआ भी। मेरी मां ही मेरी स्ट्रेंथ थीं। उन्होंने ही मुझे अपने लक्ष्य की ओर लगन और मेहनत से आगे बढ़ना सिखाया था। एक अनहोनी के चलते अब वह मेरे साथ नहीं है, पर उनकी दी हुई सीख आज भी मेरे लिए मोटिवेशन है। यह सफलता भी उन्हीं को डेडिकेटेड है। इस फील्ड में अवसरों की कोई कमी नहीं ओजस ने बताया- मौजूदा समय देश की अदालतों में 4 लाख से ज्यादा केस पेंडिंग है। ऐसे में AI आने के बावजूद इस क्षेत्र में लॉयर की अहमियत बनी रहेगी और इस फील्ड में अवसरों की कोई कमी नहीं होगी। ओजस कहते हैं कि उनका लक्ष्य आगे चलकर आईएएस बनना है। ओजस UPSC क्रैक करना चाहते हैं। इसके लिए लॉ से ग्रेजुएशन क्यों? के सवाल पर उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि जब तक देश के कानून के बारे में सही तरीके से जानकारी नहीं होगी तब तक प्रशासनिक सेवा में सही तरीके से योगदान नहीं दे पाऊंगा। इसी मकसद से लॉ से ग्रेजुएशन करने का मन बनाया है।
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