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प्रयागराज में कड़ाके की ठंड, कोहरे का कहर:कक्षा 12वीं तक के स्कूल टाइमिंग में हुआ बदलाव, कई ट्रेनें घंटों देरी से पहुंच रहीं

प्रयागराज में गुरुवार से ही मौसम ने पूरी तरह से करवट ले ली है। कड़कड़ाती ठंड के चलते लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यहां का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस तक रिकार्ड किया गया है। कल पूरे दिन धूप नहीं निकली और पूरा शहर कोहरे की चादरों से ढका दिखा। यही स्थिति आज शुक्रवार को भी देखने को मिल रहा है। आधी रात से तेज कोहरा होना शुरू हो गया और सुबह इतना तेज कोहरा हुआ कि नजदीक में ही कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। कोहरे की वजह से सड़कों पर वाहनों की गति बिल्कुल धीमी सी हो गई। संगम का पूरा क्षेत्र भी काे-हरे की चपेट में दिखा। इसके बावजूद भी दूसरे शहरों से आने वाले लोग यहां पहुंच रहे। कुछ लोग अस्थि कलश प्रवाहित करने के लिए यहां पहुंचे थे। यहां चित्रकूट से रोहित गुप्ता व चंद्रप्रकाश ने बताया कि ठंड होने के बावजूद संगम आने का प्लान बनाया गया था। यहां कोहरे से परेशानी तो हुई लेकिन नाव से संगम जाकर गंगा में अस्थि कलश विसर्जित किया। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देशन में कक्षा 12वीं तक के स्कूलों की टाइमिंग में भी बदलाव कर दिया गया है। सुबह 10 बजे से तीन बजे तक स्कूल संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। करीब आधा दर्जन ट्रेनें कोहरे की वजह से 4-8 घंटे देरी से चल रही है। DIOS व BSA की ओर से जारी किया गया आदेश
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार व जिला विद्यालय निरीक्षक पीएन सिंह की ओर से गुरुवार शाम को आदेश जारी किया गया। संचालित परिषदीय प्राथमिक विद्यालय, उच्च प्राथमिक, सीबीएसई, आईसीएसई समेत सभी बोर्डों के स्कूल अब सुबह 10 बजे से तीन बजे तक संचालित होंगे। अधिकारियों की ओर से सभी स्कूल संचालकों व प्रिंसिपलों को निर्देशित किया गया कि शुक्रवार से ही इसका कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। DM ने की, ठंड से बचाव की अपील
लगातार बढ़ती ठंड और शीतलहर को देखते हुए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने ने आम लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। मौसम की जानकारी और आपातकालीन दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। ठंड के मौसम में लोगों को जितना हो सके घर के अंदर रहने और ठंडी हवा के सीधे संपर्क से बचने की सलाह दी गई है। भारी कपड़ों की एक परत पहनने के बजाय ढीले फिटिंग वाले, हल्के लेकिन गर्म ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनना बेहतर होगा। शरीर को गर्म रखने के लिए सिर, गर्दन, हाथ और पैरों की उंगलियों को अच्छी तरह ढकना जरूरी बताया गया है, क्योंकि इन्हीं हिस्सों से शरीर का तापमान तेजी से गिरता है। एडवाइजरी में दस्ताने, टोपी और मफलर के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है। साथ ही विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियों के सेवन तथा नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थ पीने की सलाह दी गई है। बुजुर्गों, बच्चों और अकेले रहने वाले लोगों का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। शीतलहर के संपर्क में आने पर हाथ-पैर की उंगलियों, कान और नाक की नोक पर सुन्नता या रंग बदलना शीतदंश के लक्षण हो सकते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी गई है।


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