आजमगढ़ में नाबालिग किशोरी के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने एक आरोपी को दोषी करार देते हुए सात वर्ष के सश्रम कारावास और 12 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह फैसला पॉक्सो कोर्ट के न्यायाधीश संतोष कुमार यादव ने गुरुवार को सुनाया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, बरदह थाना क्षेत्र के एक गांव से 2 जून 2016 को 16 वर्षीय नाबालिग किशोरी अचानक लापता हो गई थी। परिजनों द्वारा काफी तलाश के बाद भी जब किशोरी का कोई सुराग नहीं मिला, तो पीड़िता के पिता ने गांव के ही नन्हे राम के खिलाफ थाने में नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस जांच के दौरान पीड़िता और आरोपी नन्हे राम को दिल्ली से बरामद किया गया। मामले की विवेचना पूरी करने के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र (चार्जशीट) न्यायालय में दाखिल कर दी। पांच गवाहों ने अदालत में दी गवाही
मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अवधेश कुमार मिश्रा और दौलत यादव ने कुल पांच गवाहों को न्यायालय में पेश कर उनके बयान दर्ज कराए। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी नन्हे राम को दोषी मानते हुए सात वर्ष के सश्रम कारावास और 12 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
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