आगरा के कोतावाली क्षेत्र में अगस्त माह में नकली दवाओं के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ था। आगरा कैंट से आई दवाओं से भरे टैंपो को एसटीएफ और औषधि विभाग की टीम ने पकड़ा था। इस दौरान एक करोड़ की रिश्वत देने के आरोप में हे मां मेडिको के संचालक हिमांशु अग्रवाल को पकड़ा गया। जांच में पता चला था कि पुडुचेरी से नकली दवाएं मंगाई जाती हैं। इसमें पुडुचेरी के एके राणा का नाम भी सामने आया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया। उससे पूछताछ में पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है। जांच के लिए आगरा से एक टीम चेन्नई रवाना हो गई है। थाना कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक के मुताबिक, एके राणा तमिलनाडु के नागपटिटनम जिले का रहने वाला है। वर्तमान में पुडुचेरी में रह रहा था। वह दवाओं का बड़ा डिस्ट्रीब्यूटर है। वह सन फार्मा के नाम से बनी दवाओं की सप्लाई आगरा तक करता था। दवाओं की डुप्लीकेसी नहीं की जा सकती है। इसके बावजूद वह इस अवैध कारोबार से कमाई कर रहा था। इससे कंपनी को चूना लग रहा था। पुलिस को पूछताछ में कुछ अहम जानकारी मिली है। पूछताछ के बाद दवाओं को बनाने वाली फर्म से जुड़े दो और लोगों के नाम सामने आए हैं। इसके बाद बुधवार रात को ही कोतवाली और एमएम गेट थाने की पुलिस की एक टीम चेन्नई के लिए रवाना हो गई। नकली दवाओं का सरगना
एके राणा नकली दवाओं के सिंडिकेट का सरगना बताया गया है। पिछले दिनों पुडुचेरी पुलिस ने छापा मारकर उसे गिरफ्तार किया था। कार्रवाई में करोड़ों रुपये की दवाएं भी बरामद की थी। वह पैकेजिंग प्लांट से दवाओं को भेजता था। वह दवाओं को पुडुचेरी से मंगवाता था। प्लांट को सील कर दिया गया था। एके राणा के पकड़े जाने की जानकारी पर कोतवाली पुलिस वहां पहुंच गई। पुलिस ने बी वारंट के लिए प्रार्थनापत्र दिया। मगर आरोपी एके राणा को जमानत मिल गई थी। बाद में उसे आगरा पुलिस ने गिरफ्तार किया। ट्रांजिट रिमांड पर दो दिन पहले आगरा ले आई। पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया है।
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