एटा की अलीगंज तहसील अंतर्गत तिसौरी गांव में लंबे समय से चले आ रहे जलभराव और गंदगी की समस्या से ग्रामीण परेशान हैं। हालात से आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार को ग्राम प्रधान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। ग्रामीणों का आरोप है कि जलभराव के कारण स्कूली बच्चों की सुरक्षा खतरे में है और गांव में संक्रामक बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जगह-जगह पानी भरा रहने से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सबसे अधिक परेशानी छोटे बच्चों और स्कूल जाने वाले छात्रों को हो रही है। जलभराव के कारण कई बच्चे गिरकर घायल हो चुके हैं, जबकि रोजाना स्कूल जाने वाले बच्चों के कपड़े गंदे हो जाते हैं। स्थिति उस समय और गंभीर हो जाती है, जब प्राथमिक विद्यालय तिसौरी से निकलने वाला गंदा पानी विद्यालय परिसर से होकर गुजरता है। गांव की गलियों में नालियों की जगह तालाब जैसी स्थिति बनी हुई है, जिससे दुर्गंध फैल रही है और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। एक ओर सरकार बच्चों की सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर योजनाएं चला रही है, वहीं तिसौरी गांव की हालत इन प्रयासों पर सवाल खड़े कर रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने इस समस्या को लेकर ग्राम प्रधान सुषमा देवी और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजभान से कई बार शिकायत की, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला। समाधान न होने से नाराज ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर अपना विरोध दर्ज कराया। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वे आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से कई बार शिकायत दर्ज करा चुके हैं। इसके अलावा उपजिलाधिकारी और खंड विकास अधिकारी से भी मुलाकात कर समस्या बताई गई, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों की प्रमुख मांग है कि गांव से लगभग 200 मीटर दूर स्थित तालाब तक नाले का निर्माण कराया जाए, ताकि गंदा पानी वहां छोड़ा जा सके और जलभराव से स्थायी निजात मिल सके। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि गांव में विद्युत पोलों पर सौर ऊर्जा लाइटें नहीं लगी हैं, जिससे रात के समय अंधेरा रहता है और दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। प्रदर्शन के दौरान देशराज शाक्य, दिनेश शर्मा, शिवम शर्मा, संजीव शाक्य, राजवीर शाक्य, हेमंत, महेश मार्ग और श्रीमती ईश्वरवती सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। क्या कहते हैं ग्रामवासी उमा देवी ने बताया कि गांव में जलभराव की समस्या वर्षों से बनी हुई है। बरसात के मौसम में हालात और बदतर हो जाते हैं। बच्चों का घर से निकलना मुश्किल हो जाता है और महिलाएं गिरकर चोटिल हो चुकी हैं। कई बार ग्राम प्रधान से शिकायत की गई, लेकिन आज तक कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ। कमला देवी ने कहा कि नालियों की उचित व्यवस्था न होने से हर घर के सामने पानी जमा रहता है। बुजुर्गों और छोटे बच्चों को निकलने में काफी दिक्कत होती है। यदि तालाब तक नाला बन जाए तो गांव को इस समस्या से राहत मिल सकती है। देशराज सिंह दुबे ने बताया कि ग्राम सभा की बैठकों में यह मुद्दा कई बार उठाया गया और प्रस्ताव भी पास हुए, लेकिन आज तक कोई कार्य धरातल पर नहीं उतरा।
खंड विकास अधिकारी शिव शंकर ने बताया कि प्रकरण उनके संज्ञान में है और जल्द ही गांव की जलभराव समस्या से निजात दिलाई जाएगी। प्राथमिक विद्यालय तिसौरी के प्रधानाचार्य श्यामवीर सिंह ने बताया कि स्कूल के बाहर जलभराव की समस्या थी, जिसे आज ही साफ-सफाई कराकर निस्तारित करा दिया गया है। वहीं, जब ग्राम प्रधान से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो किसी अन्य व्यक्ति ने फोन उठाकर बात करने से इनकार कर दिया।
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