हाथरस के बहुचर्चित कृतार्थ हत्याकांड में सत्र न्यायालय ने कृतार्थ के पिता द्वारा दायर उस प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है, जिसमें डीएल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल सहित पांच लोगों पर हत्या और आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में आरोप तय करने की मांग की गई थी। न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इसको निराधार पाया। यह मामला 22 सितंबर 2024 का है, जब डीएल पब्लिक स्कूल में कक्षा 2 के छात्र 11 वर्षीय कृतार्थ की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद, स्कूल के प्रबंधक सहित पांच लोगों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। हालांकि, लगभग ढाई महीने बाद पुलिस की विवेचना में एक नया मोड़ आया। जांच में सामने आया कि कृतार्थ की हत्या उसी हॉस्टल में रहने वाले 14 वर्षीय वर्षीय एक छात्र ने की थी। वह कक्षा आठ का छात्र था। पुलिस के अनुसार, आरोपी छात्र का मकसद सिर्फ इतना था कि कृतार्थ की मौत होने पर स्कूल में छुट्टी हो जाएगी। इसके बाद, पुलिस ने उस छात्र को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेज दिया था। कृतार्थ के पिता श्रीकृष्ण ने सत्र न्यायाधीश विनय कुमार तृतीय के न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि 26 सितंबर 2024 को आरोपी दिनेश बघेल, जसोदन सिंह, राम प्रकाश सोलंकी, लक्ष्मण सिंह और वीरपाल उर्फ वीरू को हत्या एवं आपराधिक षड्यंत्र के आरोप में न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था। लेकिन, बाद में विवेचक ने धाराओं को कम करते हुए साक्ष्य छिपाने और अपराध की सूचना जानबूझकर न देने की धाराओं में आरोप पत्र प्रस्तुत कर दिया। 23 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई श्रीकृष्ण ने अपने प्रार्थना पत्र में कहा था कि केस डायरी में पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध होने का दावा करते हुए अभियुक्तों पर हत्या एवं आपराधिक षड्यंत्र की धाराओं में आरोप तय किए जाएं। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत कृतार्थ के पिता के इस प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया। अभियुक्तों की ओर से पैरवी पार्थ गौतम ने की। इस मामले में अगली सुनवाई 23 दिसंबर को होगी।
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