संभल में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPO) महेश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कार्यकत्रियों ने गुरुवार को जिलाधिकारी (DM) को शिकायत पत्र सौंपकर DPO को हटाने की मांग की। उन्होंने महेश कुमार पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने, सेवा समाप्त करने और एफआईआर दर्ज कराने की धमकी देने का आरोप लगाया है। राजेश कुमारी नामक एक कार्यकत्री ने बताया कि DPO महेश कुमार बैठकों के दौरान ‘आपकी खाल खिंचवा लूंगा, भुस भरवा दूंगा’ जैसी धमकियां देते हैं। उन्होंने कार्यकत्रियों को ‘नालायक मां, गद्दार मां’ और ‘मां कहलाने लायक नहीं’ जैसे अपमानजनक शब्द कहने का भी आरोप लगाया। राजेश कुमारी ने स्पष्ट किया कि चावल और राशन डीलर बांटते हैं,जबकि वे केवल पर्ची देती हैं, ऐसे में उन्हें चोर कहना गलत है। कार्यकत्रियों ने मांग की है कि सीडीपीओ असमोली रचना यादव और जिला कार्यक्रम अधिकारी महेश कुमार को उनके पदों से हटाया जाए। उन्होंने किसी अन्य जिले के अधिकारी से मामले की जांच कराने की भी अपील की। डीएम ने कार्यकत्रियों को आश्वासन दिया है कि वे इस मामले पर बात करेंगे। सोमवती ने बताया कि DPO महेश कुमार और सीडीपीओ रचना यादव ने उनके अवकाश पर होने के बावजूद आंगनबाड़ी केंद्र का दौरा किया और उनकी अनुपस्थिति दर्ज कर दी, जिसके कारण उनका मानदेय रोक दिया गया। उन्होंने अधिकारियों पर सहायिकाओं की नियुक्ति में ₹80,000 लेने का भी आरोप लगाया। सोमवती ने चेतावनी दी कि यदि 25 तारीख तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे भूख हड़ताल पर बैठेंगी और मरने को भी तैयार हैं। मिथिलेश कुमारी ने राशन वितरण से संबंधित समस्याओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि सितंबर में राशन मिलने के बाद उसका वितरण किया गया, फिर अक्टूबर में दो बार राशन मिला जिसका वितरण अक्टूबर और नवंबर में किया गया। कार्यकत्रियों पर अधिकारियों का लगातार दबाव है कि वे राशन वितरण का डेटा जल्द से जल्द अपलोड करें। शिकायत पत्र सौंपने वाली कार्यकत्रियों में नीलम सिंह, राधा शर्मा, विमला शर्मा, ममता गुप्ता, गुड़िया गौतम, मिथिलेश कुमारी, छाया, सोनम, राजरानी, शारदा, कुमारी दयावती, निशा, संगीता गुप्ता, आशा देवी, प्रभा वर्मा, जलधारा, सुमन देवी, कविता, आशा और दर्शन देवी, सुषमा आदि शामिल थीं।
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