बलिया के विकास भवन सभागार में गुरुवार को मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ओजस्वी राज ने जनपद में संचालित छात्रवृत्ति योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा बैठक की। इस बैठक में समाज कल्याण अधिकारी, पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों के नोडल अधिकारी और प्राचार्य उपस्थित रहे। सीडीओ ने निर्देश दिए कि जिन शैक्षणिक संस्थानों में छात्रवृत्ति प्रकरणों की अधिकतम पेंडेंसी पाई जा रही है, उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की संस्तुति भेजी जाएगी। विशेष रूप से निजी आईटीआई संस्थानों में अत्यधिक पेंडेंसी परिलक्षित होने पर, उनके एफिलिएशन निरस्त करने हेतु केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। सर्वाधिक पेंडेंसी वाले शैक्षणिक संस्थानों में सतीश चंद्र कॉलेज, एम.एम. टाउन डिग्री कॉलेज, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, सुदृष्ट बाबा महाविद्यालय और कुंवर सिंह कॉलेज शामिल हैं। सभी शैक्षणिक संस्थानों को निर्देशित किया गया कि वे संबंधित छात्रों से तत्काल संपर्क करें, उनके अभिलेखों का सत्यापन कराएं और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से पूर्ण कराएं। मुख्य विकास अधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी छात्र के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। यदि किसी छात्र को छात्रवृत्ति से संबंधित कोई समस्या आती है, तो वह तत्काल विकास भवन, बलिया में मुख्य विकास अधिकारी से संपर्क कर सकता है। प्राप्त शिकायतों की जांच के बाद संबंधित संस्थान के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जनपद में कुल 10 प्रकार की छात्रवृत्तियाँ संचालित की जा रही हैं। इनमें प्री-मैट्रिक (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक) और पोस्ट-मैट्रिक (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सामान्य वर्ग, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक) शामिल हैं। निर्देशों में यह भी कहा गया कि किसी भी श्रेणी के पात्र लाभार्थी को किसी भी कीमत पर छात्रवृत्ति से वंचित न रखा जाए। यदि आवेदन पत्र में कोई त्रुटि पाई जाती है, तो उसे अस्वीकृत करने से पहले संबंधित छात्र से संपर्क कर त्रुटि का निराकरण कराया जाए।
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