महोबा जिले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों की पॉलिसी रिजेक्ट होने की शिकायतों पर जिलाधिकारी गजल भरद्वाज की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित इस बैठक में कृषि विभाग और बीमा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। इसका मुख्य उद्देश्य खरीफ फसलों के लिए किए गए बीमा आवेदनों की समीक्षा और सत्यापन प्रक्रिया की स्थिति का आकलन करना था। बैठक में बताया गया कि जिले में कुल 2 लाख 67 हजार किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए आवेदन किया था। इनमें से लगभग 1 लाख 26 हजार किसान नॉन-केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड धारक नहीं) पाए गए। जिला प्रशासन द्वारा सत्यापन के बाद, केवल 1 लाख 22 हजार किसान ही पात्र पाए गए। बैंकों ने 1231 बीमा पॉलिसियां निरस्त कर दी हैं, जबकि 2200 पॉलिसियों का सत्यापन अभी बैंकों द्वारा किया जा रहा है। जिलाधिकारी गजल भरद्वाज ने बताया कि 1 लाख 41 हजार नॉन-केसीसी किसानों की पॉलिसियों की जांच के लिए तीन टीमों का गठन किया गया है। इनमें से 82,028 आवेदन सत्यापन के लिए तीनों तहसीलों को भेजे गए हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपने दस्तावेज सही तरीके से अपलोड करें, ताकि वे योजना का लाभ प्राप्त कर सकें। अब तक 13,000 किसानों ने अपने दस्तावेज सही करके अपलोड किए हैं, जिनमें से 10,000 आवेदन स्वीकार किए जा चुके हैं। किसानों की सुविधा के लिए बीमा कंपनी और बैंक ने एक विशेष विंडो खोली है। इस विंडो के माध्यम से किसान अगले 10 दिनों तक अपने महत्वपूर्ण दस्तावेज जमा कर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ ले सकते हैं। जिलाधिकारी ने बैठक में निर्देश दिए कि सत्यापन प्रक्रिया तेज और पारदर्शी तरीके से पूरी की जाए, ताकि कोई भी पात्र किसान योजना से वंचित न रहे। उन्होंने कृषि विभाग और बीमा कंपनी के अधिकारियों को किसानों के आवेदन में आने वाली त्रुटियों को तुरंत सुधारने और उन्हें योजना का पूरा लाभ दिलाने के लिए हर संभव मदद करने को कहा। बैठक के बाद, जिला प्रशासन ने सभी किसानों के आवेदनों की उचित निगरानी और त्वरित समाधान का आश्वासन दिया। वेरिफिकेशन जारी रहेगी, ताकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ समय पर और सही किसानों तक पहुँच सके।
https://ift.tt/Wsnjxmk
🔗 Source:
Visit Original Article
📰 Curated by:
DNI News Live

Leave a Reply