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भोजपुर में दादी ने पोते को 50 हजार में बेचा:बेटे के लव मैरिज से नाराज थी, जन्म लेते ही नवजात को झोलाछाप डॉक्टर को सौंपा

भोजपुर में दादी ने अपने नवजात पोते का 50 हजार रुपए में सौदा कर दिया। महिला अपने बेटे के लव मैरिज से नाराज थी, इसलिए उसने इस घटना को अंजाम दिया। मामले की जानकारी के बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नवजात की दादी समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, नवजात और उसे खरीदने वाला डॉक्टर अब तक पुलिस की पकड़ से बाहर है। मामला भोजपुर के गड़हनी थाना क्षेत्र के अगिआंव प्राइमरी हेल्थ सेंटर से जुड़ा हुआ है। नवजात की मां की ओर से शिकायत के बाद नारायणपुर और गड़हनी थाने की पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए खुशबू की सास क्रिंता देवी, उसकी पड़ोसी कविता शर्मा, कविता की रिश्तेदार चांदनी शर्मा और डॉक्टर की सहयोगी प्रीति कुमारी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने क्रिंता देवी के पास से नवजात की बिक्री के 49 हजार रुपए नकद भी बरामद किए हैं। अब सिलसिलेवार तरीके से जानिए, नवजात को बेचे जाने और खुशबू की लव स्टोरी? जानकारी के मुताबिक, नारायणपुर थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के रहने वाले चितरंजन कुमार की पत्नी खुशबू को 7 दिसंबर को डिलीवरी के लिए प्राइमरी हेल्थ सेंटर में एडमिट कराया गया था। 7 दिसंबर को डिलीवरी के बाद खुशबू की सास ने नवजात का तत्काल सौदा कर दिया। हालांकि, खुशबू को इस बारे में भनक तक नहीं लगी। खुशबू ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए बताया कि डिलीवरी के बाद मेरी हालत ठीक नहीं थी, मैं बदहवास थी। मेरी सास ने मुझे कहा कि चलो घर चलते हैं। फिर मैं अस्पताल से बाहर निकली। मेरी सास क्रिंता देवी के साथ पड़ोसी कविता देवी भी थी। मुझे एक अलग ऑटो में बैठाया गया। सास और कविता देवी दूसरी ऑटो में बैठी थी। मैंने देखा कि पीछे से होमगार्ड कर्मी चांदनी शर्मा ऑटो से आई और फिर कविता आंटी ने मेरे बच्चे को चांदनी शर्मा को सौंप दिया। मुझे लगा कि मेरे बच्चे की तबीयत खराब होगी, इसलिए इलाज के लिए ले जा रहे होंगे। लेकिन जब मैं घर आई और सास से पूछा कि मेरा बच्चा कहां है, तो सास ने जवाब दिया कि बेटी हुई थी, उसे दूसरे को दे दिया है, हम लोग पालन पोषण नहीं कर पाते। मैंने इसका विरोध किया तो सास ने मुझे घर में कैद कर लिया। 13 दिसंबर को किसी तरह घर से निकलकर एसपी ऑफिस पहुंची खुशबू ने बताया कि जब मुझे पड़ोसियों से पता चला कि मेरा बेटा हुआ था और साजिश के तहत मेरी सास ने बच्चे को 50 हजार रुपए में बेच दिया है, तो मैं 13 दिसंबर को किसी तरह घर से निकलकर भागी। ऑटो में बैठकर एसपी ऑफिस पहुंची। यहां एक महिला पुलिसकर्मी ने कहा कि किसी वकील से आवेदन लिखवा लीजिए। फिर मैं कचहरी गई, एक वकील से आवेदन लिखवाकर थाना पहुंची और शिकायत दर्ज कराई। मेरी सास समेत कुछ लोग गिरफ्तार तो हुए हैं, लेकिन मेरा बच्चा मुझे नहीं मिल रहा है। ‘पति सूरत में प्राइवेट जॉब करते हैं, उनसे मुझे बात नहीं करने दिया जाता’ खुशबू ने बताया कि मेरे पति चितरंजन कुमार गुजरात के सूरत में प्राइवेट जॉब करते हैं। मेरी डिलीवरी से एक हफ्ते पहले मेरी सास ने मुझसे मोबाइल छीन लिया था, मुझे चितरंजन से बातचीत नहीं करने देती थी। डिलीवरी के बारे में भी चितरंजन को कुछ नहीं पता। डिलीवरी के तीन दिन बाद जब चितरंजन का कॉल आया और उन्होंने मेरी सास से जोर देकर मुझसे बात कराने को कहा, तब मेरी बात हुई। फिर मैंने अपने पति को सारी बात बताई। फिलहाल, मेरे पति आने वाले हैं। मैं अपनी एक रिश्तेदार के घर पर रह रही हूं। शादी से दो तीन महीने पहले एक-दूसरे को प्रपोज किया, दिल्ली में शादी रचाई खुशबू ने बताया कि हम दोनों ने शादी से दो तीन महीने पहले एक-दूसरे को प्रपोज किया। फिर जब हम दोनों रजामंद हो गए तो शादी के लिए दिल्ली भाग गए। दिल्ली में एक मंदिर में हम दोनों ने शादी की। इसके बाद मेरे पति को हाजीपुर में एक प्राइवेट काम मिल गया। इसके बाद मैं अपने पति चितरंजन के साथ हाजीपुर आ गई। छठ से करीब दो से तीन दिन पहले हम लोग घर लौटे। एक तो पर्व था, ऊपर से मैं प्रेग्नेंट थी, सोचा कि सास मुझे रख लेगी, अपना लेगी। खुशबू ने बताया कि जब मैं घर आई तो काफी विरोध हुआ। कुछ दिनों तक चितरंजन मेरे साथ रहे। इसके बाद मेरी सास ने साजिश रचनी शुरू की। उन्होंने चितरंजन से कहा कि तुम कमाने बाहर जाओ, पैसा आएगा तब तो डिलीवरी होगी, बच्चे का पालन पोषण ठीक से होगा। इसके बाद मेरे पति छठ के बाद कमाने के लिए सूरत चले गए। सास ने बताया- डॉक्टर के हाथों किया नवजात का सौदा उधर, गिरफ्तारी के बाद खुशबू की सास ने पूछताछ में बताया कि उसने कविता और चांदनी की मदद से अपने नवजात पोते का सौदा किया है। क्रिंता देवी नारायणपुर गांव निवासी पंकज रवानी की पत्नी है। अन्य गिरफ्तार आरोपितों में नारायणपुर गांव निवासी महेंद्र शर्मा की पत्नी कविता शर्मा, आरा निवासी चांदनी शर्मा तथा रोहतास जिले की रहने वाली प्रीति कुमारी शामिल हैं। पूछताछ में सभी ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि चांदनी शर्मा ने नवजात की बिक्री में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी, जबकि प्रीति कुमारी डॉक्टर की सहयोगी है। फरार डॉक्टर दिलीप कुमार उर्फ हरिशंकर पंडित सूर्यपुरा थाना क्षेत्र के हुकाडीह गांव का निवासी है, जो दिनारा सहित कई जगहों पर निजी क्लिनिक चलाता है। थानाध्यक्ष कमलजीत ने बताया कि अनुसंधान में सामने आया है कि चितरंजन कुमार और खुशबू कुमारी आपस में रिश्ते के चचेरे भाई-बहन हैं और दोनों ने प्रेम विवाह किया था। इसी बात से नाराज होकर क्रिंता देवी ने बेटे-बहू को अलग करने के इरादे से नवजात को बेचने की साजिश रची। इसके लिए उसने गांव की कविता शर्मा की मदद ली। कविता की पहल पर चांदनी शर्मा ने डॉक्टर और उसकी सहयोगी से संपर्क कर सौदा तय कराया। चांदनी शर्मा की निशानदेही पर रोहतास जिले के दिनारा में डॉक्टर के क्लिनिक पर छापेमारी की गई, जहां से प्रीति कुमारी को गिरफ्तार किया गया, लेकिन नवजात और डॉक्टर नहीं मिले। पुलिस नवजात की बरामदगी और फरार डॉक्टर की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पहलुओं की गहन जांच की जा रही है।


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