उत्तराखंड में बेरोजगारी को लेकर सरकार के दावों और केंद्र सरकार की रिपोर्ट के आंकड़ों में विरोधाभास सामने आया है। संसद में पेश की गई ताजा तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में बेरोजगारी दर 8.9 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जबकि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कुछ दिन पहले बेरोजगारी में 4.4 प्रतिशत की कमी का दावा कर चुके हैं। यह विरोधाभास तब और गहरा गया जब राज्यसभा में सरकार से बेरोजगारी दर के ताजा आंकड़े पूछे गए जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने संसद में पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) की जुलाई–सितंबर तिमाही रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें उत्तराखंड की बेरोजगारी दर देश में सबसे ज्यादा बताई गई। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद कांग्रेस ने सरकार पर डेटा के साथ खेल करने का आरोप लगाया है, जबकि भाजपा नेताओं ने अलग-अलग रिपोर्ट और समयावधि का हवाला देकर सरकार का बचाव किया है। पहले जानिए क्या थे संसद में पेश हुए PLFS के ताजा आंकड़े 15 दिसंबर को राज्यसभा में सीपीआई सांसद पी. संदोष कुमार ने सरकार से बेरोजगारी के ताजा आंकड़े मांगे। इसके जवाब में केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) रिपोर्ट के आंकड़े पेश किए। इन आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में जुलाई–सितंबर तिमाही में बेरोजगारी दर 8.9% रही। जबकि इससे पिछली अप्रैल–जून तिमाही में यह दर 3.6% थी। यानी एक तिमाही में बेरोजगारी दर में 5.3 प्रतिशत अंकों का उछाल दर्ज किया गया। सीएम धामी का दावा किस रिपोर्ट पर आधारित? मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 13 दिसंबर को नैनीताल जिले के लेटीबुंगा में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि राज्य में बेरोजगारी दर में 4.4% की कमी आई है। सरकारी स्तर पर स्पष्ट किया गया कि मुख्यमंत्री का यह बयान नीति आयोग की 2023-24 की SDG इंडेक्स रिपोर्ट पर आधारित था। इस रिपोर्ट के अनुसार- उत्तराखंड की बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4% की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं प्रति व्यक्ति आय में 11.33% की वृद्धि हुई है, जो राष्ट्रीय औसत से अधिक बताई गई है। कांग्रेस ने लगाया आंकड़ों में उलटफेर का आरोप कांग्रेस की प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा खुद तय नहीं कर पा रही है कि सही आंकड़ा कौन-सा है। उन्होंने कहा- एक तरफ संसद में बताया जा रहा है कि बेरोजगारी दर 8.9% है, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री 4.4% की कमी का दावा कर रहे हैं। अगर वाकई इतने रोजगार दिए गए हैं, तो राज्य में 10 लाख से ज्यादा पंजीकृत बेरोजगार क्यों हैं? कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पर मनमाने तरीके से आंकड़े पेश करने का आरोप लगाया। भाजपा बोली- ताजा तिमाही में आ रही है गिरावट भाजपा के प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि बेरोजगारी के आंकड़ों को तिमाही और रिपोर्ट के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “पिछली तिमाही में भले ही बेरोजगारी दर बढ़ी हो, लेकिन अक्टूबर–दिसंबर तिमाही में इसमें कमी आ रही है। सरकार महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर, उनके उत्पादों को बाजार उपलब्ध कराकर और युवाओं को रोजगार देने का लगातार काम कर रही है।” —————- ये खबर भी पढ़ें… उत्तराखंड में अब वापस लौट रहे लोग, CM धामी बोले- रिवर्स पलायन 44% बढ़ा, बेरोजगारी दर 4.4% घटी, मिशन मोड में चल रहा है काम शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नैनीताल जिले के लेटीबुंगा मैदान में पहुंचे, जहां उन्होंने ₹112 करोड़ 34 लाख की 17 विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। कार्यक्रम में पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों और विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का निरीक्षण किया और महिला उत्पादों की सराहना की। (पढ़ें पूरी खबर)
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