और बड़ा हो सकता है घोटाला… एक हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है राशि, कार्रवाई… 83 लाख रुपए की राशि फ्रीज की गई
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुरू कर दी है। पटना जोन की ईडी टीम ने मुजफ्फरपुर के चार अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। कार्रवाई में महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए गए हैं। ईडी के मुताबिक, सिम स्वैपिंग और ऑनलाइन बैंकिंग में हेरफेर कर ग्राहकों के खातों से 1.29 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई। जांच के दौरान 83 लाख रुपए की राशि फ्रीज की गई है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का मानना है कि पूरी जांच होने पर घोटाले की राशि एक हजार करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। तिरहुत क्षेत्र के वर्तमान प्रभारी डीआईजी जयंत कांत जब मुजफ्फरपुर के एसएसपी थे, उसी दौरान इस घोटाले का खुलासा हुआ था। जांच का दायरा बढ़ने पर मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में इसी तरह के मामले सामने आए थे। फिलहाल ईडी ने मुजफ्फरपुर के मामलों में जांच शुरू की है। यह कार्रवाई मुजफ्फरपुर में दर्ज दो एफआईआर के आधार पर की गई है। इन्हीं मामलों के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की गई। ईडी की जांच में एक सुनियोजित और जटिल बैंकिंग धोखाधड़ी और धन शोधन योजना का खुलासा हुआ है। जांच के अनुसार, पीएनबी की जवाहरलाल मार्ग शाखा, मुजफ्फरपुर में स्थित दो पीड़ितों के बचत खातों से भारी रकम निकाली गई। एक खाते से करीब 1.07 करोड़ रुपए और दूसरे खाते से लगभग 22.40 लाख की निकासी की गई। कुल 1.29 करोड़ की धोखाधड़ी हुई है। कैसे हुआ खुलासा…
रामदेव राम के खाते से 22.40 लाख निकासी से खुला मामला
1 पांच साल पहले बीएसएनएल से रिटायर्ड रामदेव राम इस मामले को लेकर तत्कालीन एसएसपी जयंत कांत के जनता दरबार में पहुंचे थे। उन्होंने बताया था कि उनके खाते से 22.40 लाख रुपए गायब हो गए।
2 एसएसपी ने तत्कालीन डीएसपी के साथ जांच शुरू कराई। इसके बाद रामदेव राम के अलावा कई अन्य खातों से निकासी के मामले सामने आए। इनमें एक रिटायर्ड महिला प्रोफेसर का खाता भी शामिल था।
3 तत्कालीन एसएसपी ने सरकार को पीएनबी के सॉफ्टवेयर में तकनीकी खामी की रिपोर्ट भेजी थी। मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा। मुजफ्फरपुर के साथ कई अन्य स्थानों पर भी ऐसा फर्जीवाडा हुआ। सिम कार्ड स्वैपिंग से हुआ खेल
अपराधियों ने सिम कार्ड स्वैपिंग के जरिए यह धोखाधड़ी की। जिन मोबाइल नंबरों को पीड़ितों ने बैंक में एसएमएस अलर्ट और ऑनलाइन बैंकिंग के लिए रजिस्टर्ड कराया था, उन्हें अपने नाम पर ट्रांसफर करा लिया गया। कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त
तलाशी के दौरान ईडी ने कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की। जांच में अपराधियों से जुड़े बैंक खातों में करीब 83 लाख रुपए पाए गए, जिन्हें तत्काल फ्रीज कर दिया गया। रामदेव राम सबसे पहले इस मामले को लेकर सामने आए थे। बहुत प्रोफेशनल और तकनीकी जांच की गई। जांच के साथ फर्जीवाड़े का दायरा बढ़ता चला गया। डीएसपी सतीश कुमार की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही। पूरी जांच होने पर घोटाले की राशि और बढ़ेगी। पीएनबी के सॉफ्टवेयर में बदलाव का सुझाव भी दिया गया था। – जयंत कांत, डीआईजी
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