बेगूसराय | कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, महामहोपाध्याय स्व. डॉ. जयमंत मिश्र की जयंती श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई गई। चेतना समिति, पटना के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ. ब्रजेशपति त्रिपाठी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सहभागिता की। कुलसचिव ने कहा कि स्वर्गीय डॉ. जयमंत मिश्र ने अपने विद्वतापूर्ण ग्रंथों के माध्यम से संस्कृत जगत को अमूल्य योगदान दिया। वे संस्कृत के मूर्धन्य विद्वान थे और उनके साहित्यिक अवदान ने न केवल शैक्षणिक जगत बल्कि शोध परंपरा को भी समृद्ध किया। उन्होंने कहा कि डॉ. मिश्र के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनके द्वारा रचित पुस्तकों और ग्रंथों को कार्यशालाओं के माध्यम से छात्रों एवं नव नियुक्त प्राध्यापकों के बीच प्रस्तुत किया जाए।
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