कोडीन कफ़ सिरप की तस्करी मामले में गिरफ्तारी पर रोक को लेकर दाखिल याचिकाओं पर गुरुवार को भी सुनवाई होगी। इस मामले में बुधवार को बहस पूरी नहीं हो सकी। इसे देखते हुए कोर्ट ने गुरुवार को भी सुनवाई जारी रखने को कहा है। कोर्ट ने याचियों को मिली अंतरिम राहत का आदेश बढ़ा दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अचल सचदेव की खंडपीठ ने बस्ती की खुशबू गोयल सहित अन्य कई जिलों के आरोपियों की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोडीन कफ़ सिरप की तस्करी को लेकर पुलिस राज्य स्तरीय अभियान चला रही है। इसमें गिरफ्तारी से बचने के लिए दर्जनों आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण ली है। गाजियाबाद, बस्ती, जौनपुर, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर नगर सहित कई अन्य जिलों में अब तक 128 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। उनमें नामजद आरोपियों ने गिरफ्तारी पर रोक और प्राथमिकी रद्द करने के लिए याचिकाएं दाखिल की हैं।
शुक्रवार को इस मामले में याचियों की ओर से बहस की गई थी। बुधवार को भी बहस जारी रही। याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता निपुन सिंह ने कहा कि यह मामला ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत आता है इसलिए इसमें प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकती। एक्ट में परिवाद का प्रावधान है लेकिन पुलिस बीएनएस और एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज कर रही है।
राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व अपर शासकीय अधिवक्ता प्रथम परितोष कुमार मालवीय ने कहा कि कफ़ सिरप में कोडीन फास्फेट नामक तत्व मिला है जिसका उपयोग सिर्फ नशे के लिए किया जा रहा है। इसलिए मामला एनडीपीएस एक्ट का है जिसके प्रावधानों का याचियों ने उल्लंघन किया और फर्जी फर्म बनकर सिर्फ कागज़ पर ट्रांजेक्शन दिखाया गया। वास्तव में कफ़ सिरप का इस्तेमाल चोरी छिपे नशे के लिए करने के लिए कई राज्यों में भेजा गया।
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