इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डिप्टी जेलर पीलीभीत को नोटिस दिए बगैर जेल अधीक्षक द्वारा विभागीय गलती से हुए अधिक वेतन भुगतान की वसूली आदेश रद्द कर दिया है और नियमानुसार सुनवाई का अवसर देते हुए नये सिरे से आदेश पारित करने लिए प्रकरण वापस कर दिया है। सरकारी वकील ने आश्वासन दिया कि 12 जनवरी 26 तक कारण बताओ नोटिस जारी कर दी जाएगी। यह आदेश न्यायमूर्ति विकास बुधवार ने श्रीमती कमलेश कुमारी की याचिका पर दिया है। याची का कहना था कि उसकी नियुक्ति 1992 मे बंदी रक्षक के पद पर की गई थी। समय समय पर नियमानुसार पदोन्नति मिलती गई। वेतनमान भी बढ़ता गया। जिसमें याची की कोई भूमिका नहीं थी। विभागीय गलती से यदि अधिक वेतनमान दिया गया है तो उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। भगवान शुक्ल केस का हवाला दिया गया, जिसमें विभागीय गलती से अधिक वेतन भुगतान की बिना सुनवाई के की गई वसूली को रद्द कर दिया गया था। कोर्ट ने जिला जेल अधीक्षक पीलीभीत के 1,82,842 रूपये अधिक वेतनमान भुगतान की वसूली आदेश को रद्द कर दिया।
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